नई दिल्ली। पिछले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर में जुमे की नमाज के बाद दो पक्षों में हिंसक झड़प हो गई थी। इस हिंसा में 40 लोगों को चोटें आई थी। वहीं यूपी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत करवाया। इतना ही नहीं कानपुर हिंसा के बाद जिलाधिकारी नेहा शर्मा का ट्रांसफर भी कर दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी समेत अब तक 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार धर दबोच चुकी है। बीते दिन पुलिस ने पत्थरबाजों की तस्वीर भी चस्पा किए थे। फोटो में 40 पत्थरबाजों को दिखाया गया था। बता दें कि कानपुर में जिस दिन हिंसा भड़काई गई थी उस वक्त राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वहीं मौजूद थे। इसी बीच कानपुर हिंसा के बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया गया है। जुमे की नमाज से पहले राज्य में आज शाम से धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके साथ ही पुलिस की टीमें हाई अलर्ट पर कर दी गई है।
वहीं सूबे में आगामी फेस्टिवल मद्देनजर धारा 144 लगाई गई है। इस दौरान शहर में सभी प्रकार के विरोध प्रदर्शन पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि इससे पहले कानपुर हिंसा का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था। जिसमें साफ तौर नजर आ रहा था कि राज्य में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए यह हिंसा प्रायोजित की गई थी। इसके अलावा फुटेज में हमलावर जमकर तोड़फोड़ करते हुए भी नजर आ रहे हैं। और दुकानों से सामान भी लूटते दिखे।
गौरतलब है कि कानपुर हिंसा मामले की जांच कर रही पुलिस के सामने रोजाना नए-नए पहलू सामने आ रहे हैं। कानपुर हिंसा विदेशी फंडिंग का एंगल भी सामने आया है। सूत्रों की मानें तो कानपुर हिंसा में गिरफ्तार किए गए हयात जफर हाशमी को विदेशों से भी फंडिंग होती थी। इसके अलावा कानपुर हिंसा मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI की हाथ बताया गया। इतना ही नहीं पुलिस ने मामले में पीएफआई के तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया।