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Chinnaswamy Stadium Stampede : चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकार से किए सवाल, मांगी रिपोर्ट

Chinnaswamy Stadium Stampede : भगदड़ में 11 लोगों की मौत मामले पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया था। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीज जस्टिस वी. कामेश्वर राव ने अगली सुनवाई के लिए 10 जून की तारीख तय की है।

नई दिल्ली। बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ के एक दिन इस मामले को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीज जस्टिस वी. कामेश्वर राव ने कर्नाटक सरकार से पूछा कि कार्यक्रम का आयोजक कौन था, इतने बड़े आयोजन के लिए पहले से क्या तैयारी की गई थी? स्टेडियम में टोटल कितने गेट हैं और उनमें से कितने खुले थे? भगदड़ में 11 लोगों की मौत मामले पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया और पूरे हादसे के संबंध में रिपोर्ट मांगी है। साथ ही अगली सुनवाई के लिए 10 जून की तारीख तय की है।

हाईकोर्ट बेंच ने कहा कि यह त्रासदी क्यों हुई, इसके कारणों का पता लगाने के लिए इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया गया है। साथ ही हम यह भी पता लगा रहे हैं कि क्या इस घटना को रोका जा सकता था? भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो उसके लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। हाईकोर्ट ने सवाल किया कि भीड़ को देखते हुए कितने पुलिस बल की तैनाती की गई थी और कितनी एंबुलेंस की व्यवस्था थी? राज्य सरकार की ओर से एजी शशिकरण शेट्टी ने बताया कि बेंगलुरु पुलिस ने सुरक्षा की तैयारी की थी। 1 हजार 643 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। चिन्नास्वामी स्टेडियम में 21 गेट हैं और सभी खुले थे। स्टेडियम के आसपास लगभग 2 लाख लोग मौजूद थे, जिनमें से कुछ बाहर से भी आए थे।

दूसरी तरफ राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार इस घटना के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि यह असहनीय पीड़ा है क्योंकि मरने वाले लोग हमारे परिवार के ही सदस्य हैं। मैं इस बात को पचा नहीं पा रहा हूं कि हमारे बच्चे जो अभी फलने फूलने के हकदार थे वो भगदड़ का शिकार हो गए। हम इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रहे हैं। इससे हमें सबक सीखने की जरूरत है।