newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

“कश्मीर कभी पाकिस्तान नहीं बनेगा, भारत का हिस्सा था और रहेगा, भले मुझे गोली मार दी जाए”

Kashmir: फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि ‘हमें इन जानवरों (आतंकियों) से लड़ना होगा। यह (कश्मीर) कभी पाकिस्तान नहीं बनेगा, याद रखना। हम भारत का हिस्सा हैं और हम भारत का हिस्सा रहेंगे, चाहे जो हो जाए। वे मुझे गोली भी मार दें तो भी इसे नहीं बदल सकते।’

नई दिल्ली: गुपकार गैंग के बारे में आप सुना ही होगा। गुपकर गैंग का काम था कि किसी तरह से जम्मु-कश्मीर से हटाये गये धारा 370 की वापसी करवाना। इसके एक प्रमुख सदस्य थे फारुख अब्दुल्ला! जो खुलकर विरोध कर रहे थे, खिलाफत कर रहे थे। जो फारुख अब्दुल्ला पत्थर बाजों का बचाव करते थे, जो अब्दुल्ला आतंकियों को मासूम कहते थे उन्ही फारुख अब्दुल्ला की जुबान थोड़ी बदली बदली सी नजर आई! फारुख अब्दुल्ला अपने बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहते हैं।  हाल में कश्मीर में हुई घटनाओं पर काफी बवाल मचा। आईडी कार्ड देखकर गैर मुस्लिमों की हत्या से सनसनी फैल गयी लेकिन सब इसे दुःखद बताते हुए सरकार पर निशाना साधने में लगे रहे। मामला गंभीर था क्योंकि सिखों और हिन्दुओं को टारगेट किया गया था। इसी दौरान सरकारी स्कूल की प्राचार्य सुपिंदर कौर की भी हत्या आतंकियों ने की थी। सुपिंदर कौर को श्रद्धांजलि देने के लिए एक गुरुद्वारे में आयोजित शोकसभा में फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर के लोगों को साहसी बनना पड़ेगा और मिलकर हत्यारों से लड़ना होगा।

FARUQ ABDULHA

कश्मीर कभी नहीं बनेगा पाकिस्तान

आपको बता दें कि सभा में फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि ‘हमें इन जानवरों (आतंकियों) से लड़ना होगा। यह (कश्मीर) कभी पाकिस्तान नहीं बनेगा, याद रखना। हम भारत का हिस्सा हैं और हम भारत का हिस्सा रहेंगे, चाहे जो हो जाए। वे मुझे गोली भी मार दें तो भी इसे नहीं बदल सकते।’ इतना ही नहीं, बातचीत करते हुए फारुख अब्दुल्ला ने कहा, ‘वे (आतंकवादी) कभी सफल नहीं होंगे और उनकी साजिश नाकाम हो जाएंगी। लेकिन हम सभी को- मुस्लिमों, सिखों, हिंदुओं और ईसाइयों को उनके खिलाफ मिलकर लड़ना होगा।’

farukh abdulla

शिक्षक को मारने से इस्लाम की खिदमत नहीं होती

शिक्षिका कौर की हत्या पर दुःख जताते हुए फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि 1990 के दशक में जब कई लोग डर की वजह से घाटी छोड़कर चले गये थे। तब सिख समुदाय ने कश्मीर को नहीं छोड़ा। हमें अपना मनोबल ऊंचा रखना होगा और साहसी बनना पड़ेगा। छोटे छोटे बच्चों को पढ़ाने वाली एक शिक्षक को मारने से इस्लाम की खिदमत नहीं होती।’’

आपको बता दें कि कश्मीर में कुछ दिन पहले आतंकी एक्टिव हो गये थे और गैर मुस्लिमों की हत्या कर रहे थे। जिसके बाद से सवाल खड़ा किया गया था कि घाटी में हो रही गैर मुस्लिमों की हत्याओं पर लोग चुप क्यों हैं? यहां पर कोई मानवाधिकार की बार क्यों नही कर रहा है? हालांकि फारुख अब्दुल्ला ने आज बोला और जो बोला वो सुर्खियाँ बटोरने के लिए काफी था।