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Delhi: कर्णम मल्लेश्वरी के साथ भी केजरीवाल सरकार ने की धोखाधड़ी, नींव में एक ईंट नहीं लगी उस खेल विश्वविद्यालय का बना दिया कुलपति

Delhi: अरविंद केजरीवाल के इस झूठ को देखेंगे तो आपको समझ में आएगा कि सड़क पर ब्रेकर और डिवाइडर के निर्माण का विज्ञापन देनेवाले केजरीवाल साहब अपने कामों को लेकर झूठ कितनी सफाई से बोलते हैं। एक ईट तक लगी नहीं, कोई टेंडर हुआ नही और Delhi Sports University के Vice Chancellor की नियुक्ति गाजे बाजे के साथ हो गई। ऐसा धोखा इतिहास में शायद ही किसी मुख्यमंत्री ने किया है।

नई दिल्ली। ओलंपिक मेडल जीतने वालीं भारत की पहली महिला वेटलिफ्टर खिलाड़ी कर्णम मल्लेश्वरी (Karnam Malleswari Profile) को दिल्ली खेल विश्वविद्यालय (Delhi Sports University) की पहली कुलपति बनीं। मल्लेश्वरी को दिल्ली सरकार ने नियुक्त किया है। सीएम केजरीवाल ने उनसे मुलाकात भी की। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय को लेकर चर्चा की। सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी शुरू हो रही है। हमारा बहुत बड़ा सपना पूरा हुआ।

Arvind Kejriwal Karnam Malleshwari

लेकिन अरविंद केजरीवाल ने यह नहीं बताया कि आखिर यह विश्वविद्यालय और उसका भवन कहां बनकर तैयार हुआ है। जिस भवन की नींव अभी केवल कागज पर रखी गई है। जिसकी नींव में एक ईंट तक नहीं रखी गई उस विश्वविद्यालय का कुलपति भारत की इस आयरन लेडी को बना दिया गया।


अरविंद केजरीवाल के इस झूठ को देखेंगे तो आपको समझ में आएगा कि सड़क पर ब्रेकर और डिवाइडर के निर्माण का विज्ञापन देनेवाले केजरीवाल साहब अपने कामों को लेकर झूठ कितनी सफाई से बोलते हैं। एक ईट तक लगी नहीं, कोई टेंडर हुआ नही और Delhi Sports University के Vice Chancellor की नियुक्ति गाजे बाजे के साथ हो गई। ऐसा धोखा इतिहास में शायद ही किसी मुख्यमंत्री ने किया है।


इस कागजी खेल विश्वविद्यालय के कुलपति बनाए जाने के दौरान सीएम केजरीवाल ने कहा कि मुझे ये कहते हुए बेहद गर्व है कि ओलम्पिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी जी पहली कुलपति होंगी। आज उनके साथ मुलाक़ात हुई और विस्तार से चर्चा हुई। भारतीय वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला एथलीट हैं। ये प्रतिष्ठित सम्मान उन्होंने साल 2000 में हासिल किया था।

लोग प्यार से उनको ‘द आयरन लेडी’ बुलाते हैं। वो अब तक ओलंपिक पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला वेटलिफ्टर बनी हुई हैं। जब वो भारत आईं थी उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनको भारत की बेटी से संबोधित किया था। वो खुद कहती हैं कि ये पदक सिर्फ मुझे नहीं पूरे देश को गौरवान्वित करता है। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझे उस दिन बाद में बुलाया। उन्होंने मुझे बधाई दी और मुझे ‘भारत की बेटी’ कहा।