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Arif Mohammed Khan On Shariyat: ‘कुरान से 90 फीसदी शरीयत का मेल नहीं, इसे बादशाहों ने बनाया’, आरिफ मोहम्मद खान का बयान

आरिफ मोहम्मद खान केंद्र में राजीव गांधी की सरकार में मंत्री थे। शाहबानो केस में जब सुप्रीम कोर्ट के गुजारा भत्ता देने के फैसले के खिलाफ राजीव गांधी की सरकार ने संसद में कानून पास कराया, तो आरिफ मोहम्मद खान ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद वो काफी समय तक गुमनामी के अंधेरे में भी रहे।

नई दिल्ली। केरल के गवर्नर और इस्लामी मामलों के जानकार आरिफ मोहम्मद खान ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विरोध कर रहे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) को फटकार लगाई है। आरिफ मोहम्मद खान के मुताबिक पैगंबर मोहम्मद के जन्नतनशीन होने के बाद बादशाहत आ गई। उनके मुताबिक बादशाहों ने अपना राज कायम करने के लिए नियम कानून बनाए और इनको शरीयत का नाम दे दिया। एबीपी न्यूज से आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि कुरान कहता है कि वो ही शरीयत है और जिसे शरीयत का नाम दिया जा रहा है, वो कुरान से अलग है। आरिफ मोहम्मद खान ने और क्या कहा, ये भी आपको बताते हैं।

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उन्होंने कहा कि जिसे शरीयत बताया जाता है, उसका 90 फीसदी हिस्सा कुरान से मिलता ही नहीं है। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि एआईएमपीएलबी पर लानत है कि वो ऐसी बात कह रहा है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में बराबरी की बात है, जबकि शरीयत भेदभाव करता है। उन्होंने कहा कि शरीयत से व्यक्ति की प्रतिष्ठा भी नहीं होती। इससे पहले भी आरिफ मोहम्मद खान कई बार शरीयत के खिलाफ ऐसे ही बयान दे चुके हैं। हर बार वो कुरान का वास्ता देकर अपनी बात रखते हैं। इस बार उन्होंने क्या कहा, ये आप सुनिए।

बता दें कि आरिफ मोहम्मद खान केंद्र में राजीव गांधी की सरकार में मंत्री थे। शाहबानो केस में जब सुप्रीम कोर्ट के गुजारा भत्ता देने के फैसले के खिलाफ राजीव गांधी की सरकार ने संसद में कानून पास कराया, तो आरिफ मोहम्मद खान ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद वो काफी समय तक गुमनामी के अंधेरे में भी रहे। मोदी सरकार ने बाद में उनको केरल का गवर्नर बनाकर भेजा। जिसके बाद से आरिफ मोहम्मद खान एक बार फिर सियासी परिदृश्य में नमूदार हुए। वो यूसीसी के प्रबल समर्थक हैं और इसे लागू करने की मांग करते रहे हैं।