newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Kerala High Court On Child Marriage Act: ‘धर्म या पर्सनल लॉ से भी ऊपर है ये कानून’, जानिए मुस्लिम बोर्ड को केरल हाईकोर्ट के इस फैसले से क्यों लगा झटका

Kerala High Court On Child Marriage Act: केरल के पलक्कड़ में बाल विवाह के आरोपी पर केस दर्ज हुआ था। इस पर आरोपी और उसका पिता हाईकोर्ट गए थे। उन्होंने गुहार लगाई थी कि केस रद्द किया जाए। उन्होंने इसे पर्सनल लॉ के खिलाफ बताया था। जिसे मानने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया।

तिरुवनंतपुरम। केरल हाईकोर्ट के जस्टिस पीवी कुन्नीकृष्णन के एक फैसले से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को बड़ा झटका लगा है। जस्टिस कुन्नीकृष्णन ने एक फैसले में कहा कि बाल विवाह विरोधी कानून 2006 मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के भी नियमों के भी ऊपर है। कोर्ट ने कहा कि धर्म नहीं, नागरिकता पहले है। ऐसे में हर भारतीय पर बिना किसी भेदभाव के बाल विवाह विरोधी कानून 2006 लागू होता है। कोर्ट ने इसके साथ ही पलक्कड़ में हुए बाल विवाह के आरोपी को राहत देने से इनकार कर दिया।

केरल के पलक्कड़ में बाल विवाह के आरोपी पर केस दर्ज हुआ था। इस पर आरोपी और उसका पिता हाईकोर्ट गए थे। उन्होंने गुहार लगाई थी कि केस रद्द किया जाए। आरोपी और उसके पिता ने दलील दी थी कि कोई भी मुस्लिम लड़की अगर प्यूबर्टी में आ जाती है, तो मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत वो शादी के लिए तैयार मानी जाती है और इसमें कानून हस्तक्षेप नहीं कर सकता। अर्जी देने वालों ने ये दलील भी दी कि बाल विवाह विरोधी कानून से पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप होता है। ये कानून उनके अधिकारों का हनन है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई के बाद कहा कि भारत और यहां तक कि विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों पर भी ये कानून लागू होता है। बाल विवाह विरोधी कानून किसी भी धर्म और पर्सनल लॉ से भी ऊपर है। इसमें कोई कोताही नहीं बरती जा सकती।

aimplb pic

जस्टिस कुन्नीकृष्णन ने कहा कि बाल विवाह को रोकना आधुनिक समाज का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि बच्चे की शादी कर देना उसके मानवाधिकार का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि बच्चों को पढ़ने दिया जाए, घूमने दिया जाए और अपनी जिंदगी जीने देना चाहिए। उम्र होने पर वो खुद फैसला ले कि किससे विवाह करना है। केरल हाईकोर्ट के इस दूरगामी फैसले से असम की बीजेपी सरकार को भी बल मिलने की संभावना है। दरअसल, असम की बीजेपी सरकार ने भी बाल विवाह करने वालों की गिरफ्तारी की थी। गिरफ्तार होने में तमाम मुस्लिम थे।