अमृतसर। पंजाब के पवित्र धार्मिक स्थल श्री हरिमंदिर साहिब में आज कट्टरपंथियों का जमावड़ा लगा। मौका ऑपरेशन ब्लूस्टार की 40वीं बरसी का था। श्री हरिमंदिर साहिब परिसर में सिख समुदाय के कट्टरपंथियों ने इकट्ठा होकर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उनके हाथ में खालिस्तान के लिए आतंकी गतिविधियां चलाने वाले जरनैल सिंह भिंडरावाला के पोस्टर भी दिखे। जानकारी के मुताबिक कट्टरपंथी तत्वों ने श्री हरिमंदिर साहिब परिसर में खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी भी की।
#WATCH | Punjab: On the 40th anniversary of Operation Blue Star, members of the Sikh community raise slogans inside the Golden Temple premises in Amritsar.
Posters of Jarnail Singh Bhindranwale also seen during the demonstration. Pro-Khalistan slogans also raised. pic.twitter.com/QTrrpnekCq
— ANI (@ANI) June 6, 2024
पंजाब में बीते कुछ साल में एक बार फिर खालिस्तान की देशविरोधी मांग करने वाले सिर उठा रहे हैं। पंजाब की सरकार और पुलिस ने ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर अमृतसर समेत राज्य के सभी जिलों में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था तो की, लेकिन श्री हरिमंदिर साहिब में खालिस्तानी तत्वों की नारेबाजी और भिंडरावाला के पोस्टर लहराए जाने से ये साफ हो गया है कि कट्टरपंथी देशविरोधी तत्वों पर नकेल कसने में पंजाब सरकार फिलहाल विफल है। पंजाब में पिछले साल वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने भी जमकर खालिस्तान के पक्ष में बयानबाजी की थी। उसे इस गतिविधि के लिए नहीं, बल्कि अजनाला थाने में पुलिस पर हमला करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल इस बार पंजाब की खडूर साहिब सीट से लोकसभा का चुनाव जीतने में भी सफल रहा है। वहीं, पीएम रहीं इंदिरा गांधी के हत्यारों में शामिल बेअंत सिंह का बेटा भी लोकसभा चुनाव जीता है। इसी से पता चलता है कि पंजाब में देशविरोधी खालिस्तानी तत्वों ने कितना सिर उठाया है।
पीएम रहते वक्त इंदिरा गांधी ने खालिस्तानी आतंकियों का गढ़ बन चुके श्री हरिमंदिर साहिब पर 6 जून 1984 को ऑपरेशन ब्लूस्टार के तहत सैन्य अभियान चलाया था। सेना ने ऑपरेशन ब्लूस्टार में खालिस्तानी आतंकी सरगना जरनैल सिंह भिंडरावाला, उसके साथी शाहबेग सिंह और तमाम आतंकियों को मार गिराया था। उसके बाद डीजीपी रहे केपीएस गिल ने पुलिस के साथ बहुत मेहनत कर खालिस्तानी आतंकवाद को पंजाब से मिटा दिया था। ऑपरेशन ब्लूस्टार के ही बदले में इंदिरा गांधी की उनके ही सुरक्षाकर्मियों दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर बेअंत सिंह और कॉन्सटेबल सतवंत सिंह ने हत्या कर दी थी।