नई दिल्ली। देश की सत्ता में लंबे समय तक काबिज रहने वाली कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि बीजेपी नाम बदलने के अलावा कछ नहीं कर रही है। अभी तक बीजेपी सरकार ने देशहित में कोई भी कदम नहीं उठाया है। यह सरकार सिर्फ और सिर्फ नाम बदलने की राजनीति कर रही है। सनद रहे कि पूर्व में इस सरकार द्वारा शहरों, कस्बों और ऐतिहासिक स्थलों के नाम बदले गए, जिसे लेकर कहीं विरोध की आवाज सुनाई दी, तो कहीं समर्थन की। अब इसी बीच केंद्र की मोदी सरकार ने तीन मूर्ति भवन स्थित नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर प्रधानमंत्री मेमोरियल संग्राहालय रख दिया जिसे लेकर कांग्रेस बौखला गई।
कांग्रेस ने सरकार के इस कदम को प्रतिशोध की राजनीतिक करार दिया, तो वहीं सरकार ने अपने उक्त फैसले के पीछे की वजह साझा करते हुए कहा कि इस संग्राहालय में सिर्फ किसी विशेष प्रधानमंत्री द्वारा रचे गए कीर्तिमानों का संग्रहण नहीं है, बल्कि अब तक इस देश में जितने भी प्रधानमंत्री हुए हैं, उन सभी के द्वारा रचे गए कीर्तिमानों का संग्रहण यहां एकत्रित है। ऐसी सूरत में इस ऐतिहासिक स्थल का नाम किसी विशेष प्रधानमंत्री के नाम पर हो, यह शोभा नहीं देता है। सदन रहे कि इस फैसले को लेने से पूर्व पीएम मोदी के नेतृत्व में गत गुरुवार को बैठक हुई थी, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य नेता शामिल हुए थे। इसके बाद अब इस फैसले को मूर्त रूप दिया गया है।
#BreakingNews: नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदला, अब प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी नाम से जाना जाएगा#NehruMemorialMuseum #PMMemorialMuseum | @shubhankrmishra | @Himanshu_Aajtak pic.twitter.com/gM32FhzpBw
— AajTak (@aajtak) June 16, 2023
वहीं, अब सरकार के इस कदम के बाद कांग्रेस में लगातार विरोध के स्वर उठ रहे हैं। इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर केंद्र के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि, ‘जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं ! Nehru Memorial Museum & Library का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता। इससे केवल BJP-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है। मोदी सरकार की बौनी सोच, ‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती !
जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं !
Nehru Memorial Museum & Library का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता।
इससे केवल BJP-RSS की ओछी…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 16, 2023
वहीं खड़गे के इस ट्वीट पर अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तीखा पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि राजनीतिक अपच का उत्कृष्ट उदाहरण- एक साधारण तथ्य को स्वीकार करने में असमर्थता कि एक वंश से परे ऐसे नेता हैं जिन्होंने हमारे देश की सेवा की और निर्माण किया है। पीएम संग्रहालय राजनीति से परे एक प्रयास है और कांग्रेस के पास इसे साकार करने के लिए दृष्टि का अभाव है।
Classic example of political indigestion- the inability to accept a simple fact that there are leaders beyond one dynasty who have served and built our nation. PM Sangrahalaya is an effort beyond politics and Congress lacks the vision to realise this. https://t.co/jmyNzJPB9a
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 16, 2023
बता दें कि जेपी नड्डा ने खड़गे की उक्त टिप्पणी पर लगातार तीन ट्वीट किए हैं। उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि, ‘इस मुद्दे पर कांग्रेस का दृष्टिकोण विडंबनापूर्ण है क्योंकि उनकी पार्टी का एकमात्र योगदान पिछले सभी प्रधानमंत्रियों की विरासत को मिटाना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल एक परिवार की विरासत बची रहे।
Congress’ approach to this issue is ironical considering their party’s only contribution is to erase the legacies of all previous PMs to ensure that only the legacy of one family survives.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 16, 2023
इसके बाद उन्होंने अपने तीसरे और आखिरी ट्वीट में कहा कि,’पीएम संग्रहालय में हर पीएम को सम्मान मिला है। पंडित नेहरू से संबंधित धारा में बदलाव नहीं किया गया है। इसके विपरीत, इसकी प्रतिष्ठा बढ़ा दी गई है। एक ऐसी पार्टी के लिए जिसने भारत पर 50 से अधिक वर्षों तक शासन किया, उनकी तुच्छता वास्तव में दुखद है। यही कारण भी है कि लोग उन्हें नकार रहे हैं।
In PM Sangrahalaya, every PM has got respect. Section relating to Pandit Nehru hasn’t been altered. On the contrary, it’s prestige has been enhanced. For a party which ruled India for over 50 years, their pettiness is really tragic. It’s also the reason people are rejecting them.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 16, 2023
ध्यान दें कि इससे कांग्रेस संचार महासचिव जयराम रमेश ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा था कि , ‘संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का ख़ज़ाना घर रहा है। अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे। अपनी असुरक्षाओं के बोझ तले दबा एक छोटे कद का व्यक्ति स्वघोषित विश्वगुरु बना फिर रहा है।
संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का ख़ज़ाना घर रहा है। अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 16, 2023
तो इस तरह से आप देख सकते हैं कि केंद्र सरकार के इस कदम के बाद शुरू हुआ सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। सभी एक सुर में सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं। सियासी बवाल पूरे मसले पर जारी है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।