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Mann ki Baat: जानिए जौनपुर के उस दिनेश के बारे में जिससे मन की बात कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने की बात

Mann ki Baat: रविवार को पीएम ने मन की बात की तो दिनेश उपाध्याय का भी कनेक्शन जुड़ गया। दिनेश से पीएम ने पूछा कि वो क्या कर रहे हैं। इस पर दिनेश ने बताया कि वे एक निजी कंपनी में ऑक्सीजन टैंकर चलाते हैं। दिनेश उपाध्याय ने बताया कि जब वे टैंकर लेकर के ऑक्सीजन की आपूर्ति करने जाते तो वहां उन्हें तालियों से स्वागत मिलता है। लोग विक्ट्री का सिंबल उनको दिखाते हैं।

जौनपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को‘मन की बात’ में जौनपुर के दिनेश उपाध्याय से बात की। करीब पांच मिनट चली इस बातचीत में दिनेश ने भी अपने मन की बात साझा की। बताया कि किस तरह कोरोना काल में वो ऑक्सीजन की आपूर्ति में जुटे हैं। ये भी उम्मीद जताई कि देश जल्द ही कोरोना को हरा देगा।

मड़ियाहूं तहसील के जमुआ गांव निवासी दिनेश उपाध्याय किसान बाबुल नाथ उपाध्याय व कलावती देवी के चार पुत्रों में दूसरे नंबर पर हैं। दिनेश उपाध्याय पेशे से टैंकर चालक हैं। दिनेश उपाध्याय ने पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई गांव की प्राइमरी पाठशाला में पूरी की। इसके बाद इंटर मीडिएट की शिक्षा क्षेत्र के ही जनता इंटर कालेज मेंहदी से ग्रहण की। वह 15 साल से मानगांव (मुंबई) में रहते हैं। उनकी पत्नी निर्मला देवी बच्चों व सास-ससुर के साथ गांव में ही रहती हैं।

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दिनेश के बच्चों में इकलौता पुत्र आर्यन उपाध्याय मड़ियाहूं पीजी कालेज से बीकॉम की पढ़ाई कर रहा है। बड़ी बेटी सौम्या कक्षा नौ और छोटी श्रेया कक्षा सात में पढ़ती है। रविवार को पीएम ने मन की बात की तो दिनेश उपाध्याय का भी कनेक्शन जुड़ गया। दिनेश से पीएम ने पूछा कि वो क्या कर रहे हैं।

इस पर दिनेश ने बताया कि वे एक निजी कंपनी में ऑक्सीजन टैंकर चलाते हैं। दिनेश उपाध्याय ने बताया कि जब वे टैंकर लेकर के ऑक्सीजन की आपूर्ति करने जाते तो वहां उन्हें तालियों से स्वागत मिलता है। लोग विक्ट्री का सिंबल उनको दिखाते हैं।

दिनेश ने ये भी बताया की देश में ऑक्सीजन आपूर्ति का काम बहुत अच्छे तरीके से चल रहा है और जल्द ही देश कोरोना से जंग जीत लेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सवाल पर कि क्या वे अपने इस कार्य अनुभव को अपने परिवार के साथ साझा करते हैं। इस पर दिनेश ने बताया कि परिवार हमेशा उनके फिक्र में लगा रहता है और हिदायत देता है कि सावधानी पूर्वक अपने काम को करें।

दिनेश ने बताया कि लगभग 8 से 9 महीने में वह घर जाते हैं और अपने परिवार से मिल पाते हैं। पीएम से बात करने की चर्चा पूरे जिले में फैल गई कई जानने वाले तो दिनेश को फोन कर उसे बधाई देने लगे। अब दिनेश का परिवार भी गर्व महसूस कर रहा है।