newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

PM Modi: जानिए, उस स्वतंत्रता सेनानी के बारे में जिसकी अस्थियों को लंदन से भारत लाए थे पीएम मोदी, क्योंकि..!

पीएम मोदी ने खुद ही इन अप्रतिम तस्वीरों को साझा किया है, जिसे लेकर अभी खूब चर्चा हो रही है। इन तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि कैसे पीएम मोदी ने श्यामजी की तस्वीरों को लाते हुए नजर आ रहे हैं। उनके साथ कई अन्य नेता भी नजर आ रहे हैं। ध्यान रहे, 22 अगस्त 2003 को पीएम मोदी ने खुद ही श्यामजी की अस्थियों को प्राप्त करने के बाद जिनेवा लेकर गए थे।

नई दिल्ली। आज हम आपको अपने इस प्रतिवेदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं, जिससे वाकिफ होने के बाद आप यह कहने में तनिक भी गुरेज नहीं करेंगे कि प्रधानमंत्री ना महज आज, अपितु पहले भी सुर्खियों के सैलाब में सराबोर रहा करते थे। इसी कड़ी में आज इस रिपोर्ट में हम आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी कुछ मर्मज्ञ बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे वाकिफ होने के बाद आप हतप्रभ हो जाएंगे।बात उन दिनों की है, जब भारत गुलामी की बेड़ियों से जकड़ा हुआ था। उन दिनों देश स्वाधीनता के लिए लड़ रहा था। तब लंदन में श्यामजी ने ‘द इंडियन सोशियोलॉजिस्ट’ और ‘द इंडियन होम रूल सोसाइटी’ की स्थापना की थी। उन्होंने विलायती धरा पर रहने के बावजूद भी देश को आजादी दिलाने की दिशा में जो योगदान दिया था, वह अमूल्य था। इस बीच 1930 में उनका निधन हो गया था, लेकिन उनका सपना था कि जब इस विलायती धरा में उनका निधन हो तो उनकी अस्थियों को आजाद भारत में ले जाया जाए, लेकिन अफसोस आजादी के 56 साल तक किसी ने भी इस दिशा में कोई भी कोशिश नहीं की थी, लेकिन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जिनोवा से उनकी अस्थियों को भारत लेकर आए थे।

-2003-

बता दें, पीएम मोदी ने ट्वीटर पर खुद ही इन अप्रतिम तस्वीरों को साझा किया है, जिसे लेकर अभी खूब चर्चा हो रही है। इन तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि कैसे पीएम मोदी ने श्यामजी की तस्वीरों को लाते हुए नजर आ रहे हैं। उनके साथ कई अन्य नेता भी नजर आ रहे हैं। ध्यान रहे, 22 अगस्त 2003 को पीएम मोदी ने खुद ही श्यामजी की अस्थियों को प्राप्त करने के बाद जिनेवा लेकर गए थे।

उधर, भारत आने के बाद उन्होंने वीरांजलि यात्रा का आयोजन किया था, जिसके तहत उन्होंने गुजरात के 17 जिलों से इस महान स्वतंत्रता सेनानी की अस्थियों को लेकर गुजरे थे। इस वीरांजलि यात्रा में समाज के सभी वर्गों ने हिस्सा लिया था। इस तरह से पीएम मोदी ने उनकी अधूरी ख्वाहिश को मुकम्मल कर लिया।

-17-

इन सबके बाद पीएम मोदी यही नहीं रुके। उन्होंने श्यामजी के स्मरणोत्सव में मेमोरियल बनाने के बारे में विचार किया था, जो कि आज की तारीख में एक ऐतिहासिक रूप धारण कर चुका है। हालांकि, आधुनिक युग में पीएम मोदी को आधुनिक इतिहास का जनक कहा जा सकता है। विशेषतौर पर इतिहास के जो अध्याय अधूरे रह गए हैं, उसे पूरा करने का बीड़ा अब पीएम मोदी ने खुद अपने कांधों पर उठा लिया है।