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Kharge Vs Tharoor: एक तरफ पुरातनपंथी मल्लिकार्जुन खड़गे, दूसरी तरफ नई सोच वाले शशि थरूर, कांग्रेस अध्यक्ष पद के दोनों दावेदारों के बारे में जानिए

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 22 साल बाद चुनाव हो रहा है। इस बार मैदान में नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्य नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 80 साल के मल्लिकार्जुन खड़गे और 66 साल के शशि थरूर के बीच मुकाबला है। 19 अक्टूबर को काउंटिंग होगी और तब पता चल जाएगा कि खड़गे और थरूर में से किसने मैदान मारा।

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 22 साल बाद चुनाव हो रहा है। इस बार मैदान में नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्य नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 80 साल के मल्लिकार्जुन खड़गे और 66 साल के शशि थरूर के बीच मुकाबला है। आज वोटिंग के बाद 19 अक्टूबर को काउंटिंग होगी और तब पता चल जाएगा कि खड़गे और थरूर में से किसने मैदान मारा। हालांकि, फिलहाल के हालात खड़गे की जीत की ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन शशि थरूर ने कांग्रेसजनों से अंतरात्मा की आवाज पर और पार्टी की बेहतरी के लिए वोट करने की अपील की है। शशि थरूर और खड़गे के बीच मुकाबला पुरानी और नई सोच का भी है। तो जान लेते हैं कि दोनों उम्मीदवारों का करियर कैसा रहा है और किस मामले में खड़गे और थरूर एक-दूसरे से अलग हैं।

mallikarjun kharge

पहले बात मल्लिकार्जुन खड़गे की कर लेते हैं। कर्नाटक के बीदर में जन्मे दलित वर्ग के खड़गे जमीनी स्तर के नेता रहे हैं। नेहरू-गांधी परिवार के कट्टर समर्थक हैं। सियासत में उनका अनुभव 50 साल से भी ज्यादा का है। 1969 में मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस से जुड़े थे। उसी साल कर्नाटक के गुलबर्गा में वो पार्टी के जिलाध्यक्ष बन गए थे। खड़गे ने पहला चुनाव साल 1972 में लड़ा था। वो दो बार लोकसभा सांसद रहे और मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री बने। अभी वो राज्यसभा सांसद हैं। राज्यसभा में नेता विपक्ष पद से इस्तीफा दिया, क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ना था। गरीब परिवार में पैदा हुए मल्लिकार्जुन खड़गे बीए पास हैं।

shashi tharoor

खड़गे के मुकाबले कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतरे शशि थरूर साल 1956 मे लंदन में पैदा हुए थे। वो 2 साल की उम्र में परिवार के साथ भारत आ गए। मुंबई, कोलकाता, दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज, मैसाच्युसेट्स के फ्लेचर स्कूल ऑफ लॉ एंड डिप्लोमेसी से शिक्षा ली। करीब 30 साल तक संयुक्त राष्ट्र के साथ काम भी किया और वहां उप सभापति के पद पर भी रहे। साल 2009 में कांग्रेस में शामिल हुए। शशि थरूर केरल के नायर समुदाय से आते हैं। लोकसभा सांसद हैं। थरूर सौम्य स्वभाव के विद्वान, लेकिन मुखर नेता हैं। अपने मन की बात छिपाते नहीं हैं। कांग्रेस नेतृत्व के तौर-तरीकों पर सवाल उठाने वाले जी-23 नेताओं के गुट में भी वो शामिल रहे हैं।