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Know All About Nalanda University In Hindi: जानिए नालंदा विश्वविद्यालय का वो इतिहास जब आततायी बख्तियार खिलजी ने इस प्राचीन शिक्षण संस्थान को जलाकर कर दिया था नष्ट

Know All About Nalanda University In Hindi: नालंदा यूनिवर्सिटी को एक बार फिर प्राचीन इतिहास की याद करते हुए बनाया गया है। दरअसल, यहां 5वीं सदी में एक विश्वविद्यालय था। जिसे हमलावरों ने जलाकर राख कर दिया था। केंद्र सरकार ने एक बार फिर नालंदा यूनिवर्सिटी को बनाया है।

राजगीर। पीएम नरेंद्र मोदी आज बिहार के राजगीर स्थित नालंदा यूनिवर्सिटी का उद्घाटन करने वाले हैं। ये सेंट्रल यूनिवर्सिटी है। नालंदा यूनिवर्सिटी को एक बार फिर प्राचीन इतिहास की याद करते हुए बनाया गया है। दरअसल, यहां 5वीं सदी में एक विश्वविद्यालय था। जिसे हमलावरों ने जलाकर राख कर दिया था। केंद्र सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत एक बार फिर नालंदा यूनिवर्सिटी को बनाया है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को किसने बनाया था और उसे जलाने वाला कौन था।

प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष अभी बिहार की राजधानी पटना से करीब 120 किलोमीटर दूर हैं। गुप्त काल के दौरान सम्राट कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में 300 कमरे थे। यहां 9 मंजिल की विशाल लाइब्रेरी भी थी। बताया जाता है कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की इस लाइब्रेरी में 3 लाख से भी ज्यादा किताबें थीं। भारत के अलावा चीन, तिब्बत, जापान, कोरिया, इंडोनेशिया, मंगोलिया और ग्रीस से भी छात्र यहां पढ़ने के लिए आते थे। उस जमाने में नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रों को मेरिट के आधार पर प्रवेश मिलता था और पूरी शिक्षा मुफ्त थी। इतिहासकारों के अनुसार प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में 10000 छात्र और 2700 शिक्षक थे।

तुर्की मूल के शासक बख्तियार खिलजी ने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को जलाकर नष्ट कर दिया था।

इतिहास के अनुसार तुर्की शासक बख्तियार खिलजी एक बार बीमार पड़ा। उसे अपने हकीमों के इलाज से फायदा नहीं हुआ। फिर प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के आचार्य राहुल श्रीभद्र ने बख्तियार खिलजी का इलाज किया। कहा जाता है कि इलाज के दौरान आचार्य श्रीभद्र ने बख्तियार खिलजी को कुरान दी और उसके एक पेज को पढ़ने के लिए कहा। कुरान पढ़ने के बाद बख्तियार खिलजी ठीक हो गया, लेकिन उसे इसकी नाराजगी हो गई कि भारत के वैद्यों के पास इस्लामी हकीमों से ज्यादा ज्ञान क्यों है। इसके बाद बख्तियार खिलजी ने साल 1199 में नालंदा विश्वविद्यालय पर हमला कर उसे आग के हवाले कर दिया। यहां जो आग लगी, उससे पूरी प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय नष्ट हो गई। लाइब्रेरी की किताबों के कारण यहां 3 हफ्ते तक आग जलती रही। तमाम आचार्यों और बौद्ध भिक्षुओं को भी बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय में मार डाला था।