newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

PM JANMAN Scheme: जानिए किनके लिए शुरू हुई पीएम-जनमन योजना, किस तरह के मिलेंगे लाभ और कितना रखा है मोदी सरकार ने इसके लिए बजट?

PM JANMAN Scheme: केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले साल 15 नवंबर 2023 को जनजातीय गौरव दिवस के दिन पीएम-जनमन योजना लाने का एलान किया था। पीएम-जनमन योजना के लिए केंद्र सरकार ने 24000 करोड़ रुपए का बजट रखा है। पीएम-जनमन के काम से केंद्र के 9 मंत्रालयों को भी जोड़ा गया है।

नई दिल्ली। आज से देश में पीएम-जनमन योजना शुरू हो रही है। अब तक शहरी इलाकों में पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से गरीबों को आवास देने की योजना पीएम-आवास चल रही थी। अब पीएम-जनमन के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी गरीब और असहायों को मकान मिल सकेंगे। खासकर आदिवासियों को पीएम-जनमन योजना से काफी लाभ होगा। योजना के तहत गरीबों और पिछड़ों की गांव स्थित बस्तियों में सुरक्षित आवास देने के साथ ही साफ पीने का पानी सरकार मुहैया कराएगी। इस योजना के लिए पहली किस्त के तौर जारी हो रही है। पीएम-जनमन योजना का फायदा 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के 75 आदिवासी समुदायों को भी होगा।

पीएम-जनमन योजना के तहत गरीब, पिछड़ों और आदिवासियों को गांवों में मकान और पेयजल के अलावा शिक्षा, बिजली, स्वास्थ्य, सड़क, दूरसंचार, स्थायी आजीविका और पोषण की व्यवस्था भी की जाएगी। इन सुविधाओं से तमाम ग्रामीण लोग आजादी के 75 साल बाद भी महरूम हैं। अब पीएम मोदी ने ऐसे लोगों के हित में फैसला लिया है। इन लोगों की पहुंच ऐसी सुविधाओं तक की जा रही है। पीएम-जनमन योजना के तहत वन धन विकास केंद्र भी बनाए जाएंगे। ताकि वन उपज का व्यापार किया जा सके। 1 लाख घरों के लिए सौर ऊर्जा प्रणाली और सौर ऊर्जा वाली स्ट्रीट लाइट भी पीएम-जनमन योजना के तहत लगाई जाएंगी।

केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले साल 15 नवंबर 2023 को जनजातीय गौरव दिवस के दिन पीएम-जनमन योजना लाने का एलान किया था। पीएम-जनमन योजना के लिए केंद्र सरकार ने 24000 करोड़ रुपए का बजट रखा है। पीएम-जनमन के काम से केंद्र के 9 मंत्रालयों को भी जोड़ा गया है। 2023 के बजट में भी कहा गया था कि सरकार कमजोर और जनजातीय लोगों की आर्थिक हालत सुधारने के लिए योजना लाएगी। अब लोकसभा चुनाव से पहले योजना की शुरुआत की जा रही है। चुनाव के दौरान पीएम-जनमन योजना बीजेपी के लिए गेमचेंजर भी बन सकती है। बीजेपी को पिछले दो लोकसभा चुनाव में गांवों से भी काफी समर्थन मिलता रहा है। उसके वोटरों में आदिवासी, पिछड़े और दलित भी बड़ी तादाद में शामिल हुए हैं।