
अयोध्या। रामनगरी में रामलला के मंदिर के भूमिपूजन को आज एक साल हो गए। मंदिर बनाने का काम दिन-रात चल रहा है। वहीं, भक्त भी रामलला के भव्य मंदिर के लिए अपनी तरफ से मदद की कोई कसर नहीं छोड़ रहे। नतीजे में सहयोग राशि का अंबार लग गया है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण शुरू कराने से पहले स्टेट बैंक में खाता खोला था। बाद में पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में भी खाते खोले गए।
इन खातों में ई-बैंकिंग के जरिए भक्तों ने दान दिया। इसके अलावा ट्रस्ट की ओर से स्वयंसेवक घर-घर गए और वहां से भी मंदिर के लिए दान लिया। भक्तों ने रामलला के मंदिर के लिए कोई कोताही नहीं की। नतीजे में बैंक खातों में अब तक 3300 करोड़ से ज्यादा की रकम इकट्ठा हो चुकी है।
राम मंदिर बनवा रहे ट्रस्ट के अनुसार अब घर-घर जाकर समर्पण निधि नहीं जुटाई जा रही है। सिर्फ बैंक खातों के जरिए और मंदिर में रखे दानपात्र से ही मंदिर निर्माण के लिए धनराशि ली जा रही है। फिलहाल हर रोज करीब 15-16 लाख रुपए बैंक खातों में आ जाते हैं। इसी से पता चलता है कि भव्य राम मंदिर बनवाने के लिए भक्त कितने उत्साहित हैं।
रामलला के मंदिर में भी चढ़ावा लगातार बढ़ा है। पिछले महीने दानपात्र में हर रोज करीब 1 लाख रुपए जमा हुए। चेक से भी ट्रस्ट को रकम मिलती है। ट्रस्ट के अनुसार भगवान राम के मूल मंदिर के लिए राजस्थान के बंशी पहाड़पुर से पत्थर आ रहे हैं। पहले 65 लाख घनफुट पत्थर चाहिए था। मंदिर का साइज बड़ा बन रहा है। इस वजह से 25 लाख घनफुट पत्थर और लाया जा रहा है। बीच में राजस्थान सरकार ने पत्थर ले जाने पर रोक लगा दी थी। अब उस रोक को भी हटा लिया गया है। जबकि, चित्रकूट से भी बलुआ पत्थर लाए जा रहे हैं। इनसे राम मंदिर का बेस बनाया जाएगा।