newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Rain Alert: कई राज्यों में बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट तो कहीं ऑरेंज से येलो तक की चेतावनी जारी, जानिए कैसा रहेगा दिल्ली का मौसम?

Rain Alert: बंगाल की खाड़ी में गहरे दबाव का क्षेत्र बना हुआ है और इसकी वजह से तमाम राज्यों में बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने कई राज्यों में एक बार फिर भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने ये भी बताया है कि देश की राजधानी दिल्ली में क्या हाल रहने वाला है।

नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में गहरे दबाव का क्षेत्र बना हुआ है और इसकी वजह से तमाम राज्यों में बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने एक बार फिर भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने किन राज्यों में भारी बारिश का अनुमान लगाया है ये हम आपको बताएंगे, लेकिन पहले बताते हैं कि देश की राजधानी दिल्ली में मौसम कैसा रहने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में मौसम सुहाना रहने वाला है। दिल्ली में हवा में नमी बने रहने के कारण गर्मी का अहसास नहीं होगा।

मौसम विभाग ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के गंगा से लगने वाले क्षेत्रों, झारखंड और छत्तीसगढ़ के भी तमाम इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होगी। इन सभी जगह मौसम विभाग ने रेड अलर्ट दिया है। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि बिहार के कई जिलों, ओडिशा और पूर्वी मध्य प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इन तीनों जगह मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पूर्वोत्तर में असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी काफी बारिश होगी। इन राज्यों के लिए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। देश के बाकी राज्यों में बारिश नहीं होने के आसार मौसम विभाग ने जताए हैं।

मौसम विभाग ने पहले ही कहा है कि सितंबर के अंत तक देश के तमाम राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। मौसम विभाग ने बीते दिनों बताया था कि सितंबर में हर हफ्ते बंगाल की खाड़ी में चक्रवात जैसे हालात बनेंगे। वहीं, पश्चिमी विक्षोभ के भी सक्रिय होने की संभावना है। इससे मानसून के लौटने में देरी होगी। माना जा रहा है कि ऐसे हालात बने, तो अक्टूबर के पहले हफ्ते तक बारिश होती रहेगी। इसके अलावा मौसम विभाग ने ये भी कहा है कि इस साल कड़ाके की ठंड भी पड़ने वाली है। बता दें कि 2024 में गर्मी भी काफी पड़ी। मौसम का ये रूप ला नीना प्रभाव के कारण देखा जा रहा है। जबकि, पिछले साल तक एल नीनो का प्रभाव था। एल नीनो में जमीन के मुकाबले समुद्र की सतह का तापमान कम होता है। जबकि, ला नीना में जमीन की तरह समुद्र की सतह भी गर्म हो जाती है।