नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में उठक बैठक लगा रहे सियासी सूरमाओं को अभी बेसब्री से आगामी 10 मार्च का इंतजार है, जब चुनावी नतीजों का ऐलान किया जाएगा। जब यह साफ हो जाएगा कि इस बार सूबे में किसकी सरकार बनने जा रही है। जब यह साफ हो जाएगा कि क्या इस बार फिर योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने जा रहे हैं या इस बार सूबे का सियासी मिजाज बदलने जा रहा है। फिलहाल तो चुनाव से पहले इस पर कोई भी टिका-टिप्पणी करना अतिश्योक्ति ही होगी, लेकिन विभिन्न मीडिया संस्थानों द्वारा जारी किए जा रहे ओपिनियन पोल की नजर से देखे तो एक बार फिर से सूबे में योगी आदित्यनाथ की के माथे पर सीएम का ताज जाता हुआ नजर आ रहा है। ओपिनियन से तो एक बात साफ हो चुकी है कि बीजेपी के महज एक दांव ने सूबे की तमाम छोटे बेड़े सियासी दलों के चारों खाने चित्त कर दिए हैं। आइए, आगे विस्तार से जानते हैं कि बीजेपी के खाते में कितनी सीटें जाती हुई नजर आ रही है।
जानिए सूबे की जनता का मिजाज
वहीं, अगर सूबे की जनता का मिजाज की बात करें, तो इस बार फिर से भगवा लहराता हुआ नजर आ रहा है। दॉ रिपब्लिक भारत के ओपिनियन पोल के मुताबिक बेशक इस बीजेपी के खाते में विगत 2017 के विधानसभा चुनाव की तुलना में कम सीटें आएंगी, लेकिन जीत का पताका तो बीजेपी ही लहराने जा रही है। रिपब्लिक के ओपिनियन पोल के मुताबिक, इस बार के चुनाव में बीजेपी के खाते में 252 से लेकर 272 सीटें जा सकती है। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी उत्तर में बीजेपी का दबदबा दिखता नजर आ रहा है। वहीं, समाजवादियों की झोली में 111 से लेकर 113 सीटें ही जाती हुई नजर आ रही है। हालांकि, 2017 की तुलना में 2022 में सपा की स्थिति दुरूस्त बताई जा रही है। बसपा महज 8 से 16 सीटों पर सिमटती हुई नजर आ रही है। वहीं, तमाम कोशिशों के बावजूद भी कांग्रेस की दुर्गति बरकरार है। ओपिनियन पोल के मुताबिक कांग्रेस 1 से 3 सीट पर ही सिमटती हुई नजर आ रही है।
उत्तराखंड में किसकी बनेगी सरकार
वहीं, अगर उत्तराखंड की बात करें, तो दॉ रिपब्लिक की ओपिनियन पोल के मुताबिक, प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों में से 36 से 42 सीटें बीजेपी के खाते में जाती हुई नजर आ रही है। वहीं, कांग्रेस के खाते में 25 से 31 सीटें जाती हुई नजर आ रही है। उधऱ, सूबे में अपने लिए सियासी जमीन तलाशने में मसरूफ आम आदमी पार्टी के खाते में महज 1 सीट जाती हुई नजर आ रही है।
ओपिनियन पोल के मुताबिक, 2017 के विधानसभा चनाव की तुलना में कांग्रेस को बड़ा सियासी फायदा मिलता हुआ नजर आ रहा है। अब ऐसे में आगामी चुनाव में यह ओपिनियन पोल कहां तक चरितार्थ होने में सफल हो पाता है।