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Redistribution Of Wealth: लोगों की संपत्ति लेकर समाज में बांटने का राहुल गांधी का विचार कितना कारगर?, मशहूर अर्थशास्त्री गौतम सेन ने क्या कहा सुनिए

Redistribution Of Wealth: रिडिस्ट्रीब्यूशन ऑफ वेल्थ के राहुल गांधी के विचार को बीजेपी ने चुनावी मुद्दा बनाया है। पीएम नरेंद्र मोदी लगातार अपनी चुनावी जनसभाओं में इस मुद्दे को उठा रहे हैं। मोदी का आरोप है कि राहुल गांधी रिडिस्ट्रीब्यूशन ऑफ वेल्थ के जरिए सभी लोगों की संपत्ति और यहां तक कि महिलाओं के मंगलसूत्र भी छीन लेंगे।

नई दिल्ली। राहुल गांधी का एक बयान आजकल काफी चर्चा में है। राहुल गांधी लगातार अपनी चुनावी जनसभाओं में कह रहे हैं कि केंद्र में सरकार बनने पर वो जातिगत सर्वे कराएंगे और देखेंगे कि किसके पास कितना धन और संसाधन है। फिर उस संसाधन को समाज में हिस्सेदारी के हिसाब से बांटने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। इसे रिडिस्ट्रीब्यूशन ऑफ वेल्थ कहते हैं। क्या राहुल गांधी का रिडिस्ट्रीब्यूशन ऑफ वेल्थ सही कदम होगा और ये भारत में काम करेगा? नामचीन अर्थशास्त्री गौतम सेन ने इसका जवाब दिया है।

अर्थशास्त्री गौतम सेन के अनुसार राहुल गांधी जिस रिडिस्ट्रीब्यूशन ऑफ वेल्थ की बात कर रहे हैं, वो भारत में काम नहीं करने वाला। गौतम सेन ने कहा कि भारत में 12 करोड़ लोगों के पास ही 102 करोड़ की संपत्ति है। इन सभी ने अपने कारोबार में इस धन को लगाया है। उनका धन छीनने के लिए कारोबारों को बंद करना होगा और इससे अर्थव्यवस्था रुक जाएगी। अर्थशास्त्री गौतम सेन का कहना है कि किसी ऐसे शख्स से सबकुछ छीन लेने से बाकी 98 से 99 फीसदी लोग बेहतर स्थिति में नहीं आएंगे। उन्होंने ये भी कहा कि ध्यान ये भी रखना होगा कि आपको हर दो साल में इस बारे में सर्वेक्षण भी करना होगा।

बता दें कि रिडिस्ट्रीब्यूशन ऑफ वेल्थ के राहुल गांधी के विचार को बीजेपी ने चुनावी मुद्दा बनाया है। पीएम नरेंद्र मोदी लगातार अपनी चुनावी जनसभाओं में इस मुद्दे को उठा रहे हैं। मोदी का आरोप है कि राहुल गांधी रिडिस्ट्रीब्यूशन ऑफ वेल्थ के जरिए सभी लोगों की संपत्ति और यहां तक कि महिलाओं के मंगलसूत्र भी छीन लेंगे। वहीं, कांग्रेस इससे इनकार कर रही है। कांग्रेस की नेता और राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी ने जनसभाओं में कहा है कि बीजेपी दुष्प्रचार कर रही है और कांग्रेस ने देश पर 55 साल राज करने के बाद भी किसी का कुछ नहीं छीना है।