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President Ram Nath Kovind: जानिए, अपने विदाई संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने क्या कुछ कहा

President Ram Nath Kovind: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि पांच साल पहले मैं अपने जनप्रतिनिधियों के जरिए राष्ट्रपति चुना गया था। इसके लिए मैं अपने जनप्रतिनिधियों का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि,  ‘हमारे पूर्वजों और हमारे आधुनिक राष्ट्र-निर्माताओं ने अपने कठिन परिश्रम और सेवा भावना के द्वारा न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के आदर्शों को चरितार्थ किया था।

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज देश के नाम आखिरी संबोधन दिया है। उनका आज  आखिरी कार्यकाल है। इसके बाद वे पूर्व राष्ट्रपतियों की फेहरिस्त में शुमार हो जाएंगे। लेकिन, अपने आखिरी कार्यकाल के दिन उन्होंने देश के नाम आखिरी संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने क्या कुछ कहा है। आइए, आपको विस्तार से बताते हैं।

संबोधन की मुख्य बातें 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि पांच साल पहले मैं अपने जनप्रतिनिधियों के जरिए राष्ट्रपति चुना गया था। इसके लिए मैं अपने जनप्रतिनिधियों का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि,  ‘हमारे पूर्वजों और हमारे आधुनिक राष्ट्र-निर्माताओं ने अपने कठिन परिश्रम और सेवा भावना के द्वारा न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के आदर्शों को चरितार्थ किया था। हमें केवल उनके पदचिह्नों पर चलना है और आगे बढ़ते रहना है’।


इसके बाद उन्होंने आगे कहा कि, ‘ हमारे पूर्वजों और हमारे आधुनिक राष्ट्र-निर्माताओं ने अपने कठिन परिश्रम और सेवा भावना के द्वारा न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के आदर्शों को चरितार्थ किया था। हमें केवल उनके पदचिह्नों पर चलना है और आगे बढ़ते रहना है। उन्होंने आगे कहा कि हमें प्रकृति के साथ-साथ अन्य सभी जीवों की रक्षा के लिए अधिक सावधान रहना चाहिए। हमें अपने बच्चों की खातिर अपने पर्यावरण, अपनी जमीन, हवा और पानी का ध्यान रखना चाहिए।

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि, ‘प्रकृति मां गहरी पीड़ा में है, जलवायु संकट इस ग्रह के भविष्य को खतरे में डाल सकता है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमारा देश 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए सुसज्जित हो रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवा भारतीयों को अपनी विरासत से जोड़ने, 21वीं सदी में अपने पैर जमाने में मदद करेगी। उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान समाज के सभी वर्गों से पूर्ण सहयोग, समर्थन और आशीर्वाद मिला। आपको बता दें कि इससे पहले भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के नाम अपने संबोधन में विभिन्न बातों का जिक्र किया  था। इस दौरान उन्होंने संसद में सांसदों द्वारा गतिविधियों में गरीमा बनाए रखने की अपील भी की थी।