नई दिल्ली। नए संसद भवन का रविवार यानी कल उद्घाटन होना है। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस के नेतृत्व में 21 विपक्षी दलों ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। हालांकि, पूरा विपक्ष इस मामले में एकजुट नहीं है। 7 विपक्षी दलों ने सरकार का साथ देते हुए नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने का फैसला किया है। ऐसे में विरोध करने वाले दलों के मुकाबले सरकार के साथ खड़े होने वाले दलों की संख्या ज्यादा है। नए संसद भवन के उद्घाटन में सत्तारूढ़ बीजेपी के अलावा एनडीए में शामिल शिवसेना (शिंदे गुट), एनपीपी, एनडीपीपी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जन नायक पार्टी, अन्ना द्रमुक, आईएमकेएमके, आजसू हैं।
इनके अलावा एनडीए के ही आरपीआई, मिजो नेशनल फ्रंट, तमिल मानिला कांग्रेस, आईटीएफटी, बोडो पीपुल्स पार्टी, पीएमके, एमजीपी, अपना दल (सोनेलाल) और असम गण परिषद भी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। जो विपक्षी दल समारोह में शामिल होने वाले हैं, उनमें बीजेडी, वाईएसआरसीपी, अकाली दल, जेडीएस, टीडीपी, बीएसपी और लोक जनशक्ति पार्टी (पासवान) हैं। एनडीए और समारोह में शामिल होने वाले इन विपक्षी दलों ने अन्य दलों से अपील और आग्रह किया है कि वे भी बहिष्कार का फैसला छोड़कर नए संसद भवन के उद्घाटन के ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनें, लेकिन 21 विपक्षी दल कह रहे हैं कि पीएम मोदी के हाथ से संसद का उद्घाटन कराने से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पद, महिला और आदिवासी का अपमान हो रहा है। विरोधी दल राष्ट्रपति से संसद भवन के उद्घाटन की मांग कर रहे हैं।
जिन दलों ने नए संसद के उद्घाटन के बहिष्कार के एलान किया है, उनके नाम भी जान लीजिए। संसद के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार में कांग्रेस के अलावा डीएमके, आम आदमी पार्टी, उद्धव ठाकरे गुट, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, जेएमएम, केरल कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, आरएलडी, टीएमसी, जेडीयू, एनसीपी, सीपीएम, आरजेडी, एआईएमआईएम, एआईयूडीएफ, आईयूएमएल, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आरएसपी और एमडीएमके शामिल हैं।