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Hari Shankar and Vishnu Jain: जानिए कौन हैं वो वकील बाप-बेटे, जो ज्ञानवापी से लेकर कुतुबमीनार तक हिंदू पक्ष की कोर्ट में लड़ रहे जंग

Hari Shankar and Vishnu Jain:वहीं मुलायम सिंह ने अपनी सरकार के दौरान भी इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज पांडे की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। जब हरि शंकर ने ही जज के समर्थन में याचिका डाली थी और केस को जीता भी था। हरिशंकर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ा था और कोर्ट में उनके खिलाफ भारतीय नागरिक नहीं होने की याचिका भी डाली थी

नई दिल्ली। देश में इस वक्त मंदिर और मस्जिद की लड़ाई लड़ी जा रही हैं। कभी कुतुबमीनार तो कही ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बवाल जारी है। ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग होने का दावा किया गया है। कुछ तस्वीरें भी सामने आईं है जिसमें शिवलिंग को भी दिखाया गया है लेकिन मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ये फव्वारा है। हालांकि फव्वारे और शिवलिंग की जंग कोर्ट तक पहुंच गई है और दोनों पक्षों की तरफ से अलग-अलग दलीलें दी जा रही हैं। इसी बीच दो नाम बहुत सुर्खियों में बने हुए हैं जिसका जिक्र हर तरफ हो रहा है। वो हैं हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन और विष्णु जैन। ये दोनों बाप-बेटे की जोड़ी मिलकर अब तक 102 केस लड़ चुके हैं।

कौन हैं हरि शंकर जैन और विष्णु जैन

हरि शंकर जैन और विष्णु जैन ने मिलकर हमेशा हिंदू पक्ष को मजबूत करने का काम किया है। हरि शंकर जैन ने अपनी वकालत की शुरुआत साल  1976 से की थी। हरि शंकर जैन को पहचान साल 1993 में मिली थी। जब उन्होंने एक केस जीता था। उसी दौरान उन्हें बाबरी मामले में कोर्ट की तरफ से बाबरी मस्जिद का दरवाजा हिंदुओं के लिए खोलने का आदेश मिला था। ये उनके करियर का टर्निंग पाइंट था। इस वक्त विष्णु भी अपने पिता की मदद कर रहे थे और अपने पिता से सीख  भी रहे थे। 1993 से शुरू हुआ विवाद 2019 में जाकर खत्म हुआ जब सुप्रीम कोर्ट में मामले पर फैसला सुनाया और जमीन को बांट दिया। तब तक हरि शंकर टीवी डिबेट के जरिए एक बड़ा चेहरा बन चुके थे।वहीं उनके बेटे विष्णु जैन ने 2010 में कानून की पढ़ाई पूरी की थी जिसके बाद पहली उन्होंने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि का मामला लड़ा था।

102 मामले लड़ चुकी है बाप-बेटे की जोड़ी

वहीं मुलायम सिंह ने अपनी सरकार के दौरान भी इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज पांडे की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। जब हरि शंकर ने ही जज के समर्थन में याचिका डाली थी और केस को जीता भी था। हरिशंकर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ा था और कोर्ट में उनके खिलाफ भारतीय नागरिक नहीं होने की याचिका भी डाली थी। जिसके बाद उन्होंने विवाह की वैधता और नागरिक अधिनियम, 1995 की धारा 5(1)(सी) को चुनौती थी जिसके बाद सोनिया गांधी को अपनी नागरिकता के लिए रजिस्ट्रेशन कराना पड़ा था। अभी तक दोनों बाप-बेटे की जोड़ी ने पटाखों पर बैन, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन संगठन के राजनीति रेजिस्ट्रेशन को चुनौती,  श्री कृष्ण जन्मभूमि, जैन मंदिरों का केस,ताजमहल के शिव मंदिर होने का दावा कुतुब मीनार, वॉर्शिप एक्ट और वक्फ एक्ट 1995 को चुनौती दी है।