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Antilia bomb scare case: जानिए कौन है सचिन वाझे, महाराष्ट्र सरकार और शिवसेना से क्या है उनके संबंध

Antilia bomb scare case: इस मामले पर दबाव झेल रही महाराष्ट्र सरकार को आखिरकर पुलिस अधिकारी सचिन वाझे का तबादला करना पड़ा। लेकिन विपक्ष उसके निलंबन की मांग पर अड़ा हुआ है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर सचिन वाझे को महाराष्ट्र की शिवसेना गठबंधन वाली सरकार बचाने की कोशिश में क्यों लगी हुई है। तो पहले आपको सचिन वाझे के बारे में जानकारी लेनी होगी। आखिर सचिन वाझे कौन है और उसकी राजनीतिक पकड़ महाराष्ट्र में कितनी मजबूत है।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर जो संदिग्ध स्कॉर्पियो मिली थी उसकी गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को पहले तो मुंबई पुलिस की टीम ने आत्महत्या करार देने की कोशिश की। लेकिन मनसुख हिरेन के परिवार की तरफ से इस पूरे मामले को सचिन वाझे की करतूत बताई गई और आरोप लगाया गया कि मनसुख की हत्या हुई और यह एक साजिश के तहत किया गया है। इसमें सचिन वाझे का हाथ बताया गया। महाराष्ट्र में इस मामले को लेकर सियासी तूफान तब से ही आया हुआ था जब मुकेश अंबानी के घर के बाहर यह संदिग्ध स्कॉर्पियो मिली थी और उसमें जिलेटिन के छड़ रखे हुए थे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में इस बात की मांग की थी कि मनसुख हिरेन को सुरक्षा दी जाए क्योंकि उसकी हत्या हो सकती है। इसके कुछ दिन बाद ही मनसुख हिरेन की लाश बरामद हो गई।

mukesh Ambani home car

इसके बाद तो सियासी तूफान और तेज हो गया सरकार पर विपक्ष जमकर हमलावर हो गया। महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच ATS को सौंप दी। लेकिन अब इस मामले की जांच NIA के हाथों में सौंप दी गई है। इसके बाद जो खुलासा हुआ वह बेहद चौंकानेवाला था। मुकेश अंबानी के घर के बाहर जो गाड़ी पार्क की गई उसको वहां पार्क कर भागने वाले व्यक्ति ने पीपीई किट पहन रखी थी जो सीसीटीवी में कैद हो गया।

Sachin Vaze Devendra Fadanvis

इस सब के बीच इस मामले पर दबाव झेल रही महाराष्ट्र सरकार को आखिरकर पुलिस अधिकारी सचिन वाझे का तबादला करना पड़ा। लेकिन विपक्ष उसके निलंबन की मांग पर अड़ा हुआ है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर सचिन वाझे को महाराष्ट्र की शिवसेना गठबंधन वाली सरकार बचाने की कोशिश में क्यों लगी हुई है। तो पहले आपको सचिन वाझे के बारे में जानकारी लेनी होगी। आखिर सचिन वाझे कौन है और उसकी राजनीतिक पकड़ महाराष्ट्र में कितनी मजबूत है।

एपीआई सचिन वझे महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई क्राइम ब्रांच से हटाने का आदेश दिया। ये वही सचिन वाझे है जिसको अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी मामले में भी जमकर फजीहत का सामना करना पड़ा था। शिवसेना के साथ सचिन वाझे के रिश्तों की बात करें तो यह इतना गहरा है कि शिवसेना के सत्ता में वापसी करते ही सचिन वाझे का प्रभाव पुलिस महकमे में वापसी के साथ एकदम से बढ़ गया।

सचिन वाझे 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं और इनके एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी कहा जाता है। लेकिन आपको बता दें कि 2004 में इसी सचिन वाझे को गिरफ्तार किया गया था और उन्हे जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। सचिन पर आरोप था कि उन्होंने तथ्य छुपाए और गलत जानकारी दी।

mukesh Ambani home car police

2002 के घाटकोपर बम विस्फोट मामले में जब ख्वाजा यूनुस को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो पुलिस की गिरफ्त से उसके फरार होने की खबर आई। लेकिन जब इस मामले की सीआईडी जांच हुई तो पता चला कि यूनुस की मौत पुलिस हिरासत में हो गई थी। इसके बाद सचिन वाझे को इस मामले में सिंदिग्ध भूमिका के चलते निलंबित कर दिय गया।

Mansukh Hiren

इस बाद सचिन वाझे ने सियासी पारी की शुरुआत कर ली। 2008 में सचिन वाझे शिवसेना में शामिल हो गए और 201 में इन्होंने लाल बिहारी नाम की नेटवर्किंग साइट भी शुरू की। ये वही सचिन वाझे हैं जो शीना बोरा हत्या मामले और डेविड हेडली पर किताब भी लिख चुके हैं। महाराष्ट्र में जब शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की सरकार बनी तो 2020 में सचिन वाझे को फिर से काम पर लौटने का आदेश दिया गया। जिसे सहर्ष स्वीकार करते हुए वाझे ने पोजीशन संभाल ली। इसके बाद अर्नब की गिरफ्तारी की वजह से वह एक बार सुर्खियों में आ गए। वहीं अब मनसुख की हत्या में सचिन वाझे का नाम आने के बाद जो बवाल मचा है वह शिवसेना और वाझे के रिश्ते को जगजाहिर कर रहा है।