नई दिल्ली। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स द्वारा आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को लेकर कोटा के आईजी रविदत्त गौड़ ने चिंता जताई है। उन्होंने अभिभावकों के साथ कोचिंग संस्थानों और टीचर्स के को भी कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने इन घटनाओं को रोकने के लिए कोचिंग संचालकों के साथ बैठक कर चयन समिति बनाने, स्टूडेंट्स की अलग से काउंसिलिंग करने, अभिभावकों द्वारा छात्रों पर दबाव न बनाने और कमजोर छात्रों को आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव रखा है।
Kota, Rajasthan: IG Ravindatt Gaud plans a meeting with coaching operators to prevent suicides, proposing a selection committee, separate counseling, no pressure on students, and financial aid for weaker students amid rising suicides
IG Ravindatt Gaud says, “Relieving the stress… pic.twitter.com/P9NAr9cHwk
— IANS (@ians_india) January 24, 2025
आईजी रविदत्त गौड़ का कहना है कि तनाव से मुक्ति एक बहुत बड़ा सवाल है। सबसे पहले तो ये देखना चाहिए कि जो बच्चा कोचिंग में एडमिशन ले रहा है वो असल में उस फील्ड में जाना चाहता है या नहीं। इस बात का निर्णय अभिभावकों को अपने बच्चों से बात करके लेना चाहिए। उसके बाद जो बच्चा कोटा में कोचिंग के लिए आता है तो उसकी परफॉर्मेंस देखनी चाहिए। अगर कोई बच्चा ऐसा है जिसकी परफॉर्मेंस अच्छी नहीं है उसके लिए अलग से क्लासेस की व्यवस्था कोचिंग सेंटर्स और टीचर्स को करनी चाहिए। इसके बाद भी अगर कोई स्टूडेंट की रिपोर्ट अच्छी नहीं है तो उसके पैरेंट्स को बुलाकर उनसे बात करनी चाहिए और ऐसे बच्चों को किसी दूसरी फील्ड में भेजना चाहिए। अगर जरूरत हो तो साइकोलॉजिस्ट से भी इस संबंध में मदद ली जा सकती है।
आईजी ने कहा कि आमतौर पर वही बच्चे सुसाइड करते हैं जो या तो पढ़ नहीं पा रहे या उनको जबर्दस्ती भेजा गया है। यहां रहकर कोचिंग करने वालों को अपने टीचर्स से खुलकर बात करनी चाहिए। टीचर्स को बच्चों के छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर उनके साथ वन टू वन व्यक्तिगत संवाद करना चाहिए ताकि पढ़ाई के अलावा स्टूडेंट्स के निजी जीवन के बारे में भी टीचर्स को जानकारी रहे। आपको बता दें कि दो दिन पहले ही कोटा में कोचिंग कर रहे एक छात्र और एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली है। पिछले 22 दिनों में स्टूडेंट द्वारा सुसाइड किए जाने की यह छठी घटना है।