नई दिल्ली। भारतीय सेना द्वारा पूर्वी लद्दाख में बड़े पैमाने पर अपने टैंकों की तैनाती शुरू किए हुए एक साल से अधिक का समय बीत चुका है। जिसके बाद अब बख्तरबंद रेजिमेंटों ने अपनी मशीनों के इस्तेमाल के लिए अभ्यास शुरू कर दिया है। दुर्गम इलाकों, 14,000 फीट से 17,000 फीट की ऊंचाई पर भी ये टैंक ऑपरेशन के लिए तैयार हैं। भारतीय सेना द्वारा टी-90 भीष्म और टी-72 अजय टैंकों के साथ रेगिस्तान और मैदानी इलाकों में तैनात बीएमपी सीरीज इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स को बीते साल से ही ऊंचाई वाले स्थानों पर बड़े पैमाने पर लाना शुरू कर दिया गया था।
Ladakh में वायुसेना ने दिखाई ताकत
#WATCH Nyoma ALG, Ladakh | IAF’s Apache attack helicopter showcases its low flying operational capability at one of the world’s highest advanced landing grounds merely 25 km from border with China. The Apaches have been operating in the Ladakh area since May-June last year pic.twitter.com/jDx3OlJXza
— ANI (@ANI) August 8, 2021
बीते साल गर्मियों में जब पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच तनाव चरम पर था तभी से टैंकों की तैनाती की शुरूआत की गई जिसे स्नो लेपर्ड से शुरू किया गया। सेना के एक अधिकारी ने एक एजेंसी को दिए बयान में कहा था, ‘हम पहले ही पूर्वी लद्दाख की इन ऊंचाइयों पर -45 डिग्री तक तापमान का अनुभव करते हुए एक साल बिता चुके हैं। हमने ऐसी विषम परिस्थितियों और दुर्गम इलाकों में टैंकों को संचालित करने के लिए अपने दिशा-निर्देश तैयार किए हैं।’
आर्मी की ताकत का प्रदर्शन
#WATCH Tank maneuvers being carried out by tank regiment of the Indian Army while practising attack operations at a location in Eastern Ladakh pic.twitter.com/X8PwSuNprp
— ANI (@ANI) August 9, 2021
सीमा से कुछ ही दूरी पर चल रहा अभ्यास
सेना द्वारा किया गया टैंक युद्धाभ्यास चीन सीमा से मुश्किल से 40 किलोमीटर दूर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में था। बता दें, गोगरा, पैंगोंग झील जैसे कुछ स्थानों पर दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में सैनिकों का जमावड़ा बनाए रखा है। इसे देखते हुए भारतीय सेना ने भी इन क्षेत्रों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किसी भी खतरे से निपटने के लिए टैंक और आईसीवी की तैनाती के अलावा अपने अभियानों को तेज किया हुआ है।