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लखीमपुर कांड: केंद्रीय मंत्री के बेटे की बढ़ी मुश्किलें, SIT ने बढ़ाई धाराएं

Lakhimpur case: हादसे में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को आर्थिक सहायता समेत सरकारी नौकरी देने की मांग किसान आंदोलन के रहुमाओं से करने लगे और साथ ही इस मामले में आरोपित केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की भी मांग की गई।

नई दिल्ली। बेशक एक वर्ष के दीर्घावधि तक चले आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया हो और आंदोलनकारी किसानों की सारी मांगों को मानकर उन्हें घर रवाना कर दिया हो, लेकिन किसान आंदोलन के दौरान हुई उन घटनाओं को नहीं भुलाया जा सकता है, जिसने देश का ध्यान अपनी तरफ खींचा था। इन्हीं घटनाओं में से एक लखीमपुर हिंसा भी था। जिसने पूरे देश को दहला कर रख दिया था, क्योंकि इस मामले में केंद्रीय अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने आंदोलनकारी किसान के ऊपर गाडी चढ़ा कर उन्हें कुचल दिया था, जिसमें 4 किसानों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल भी हुए थे। इस हादसे के बाद भड़की हिंसा में कथित तौर पर  किसानों ने चार बीजेपी के कार्यकर्ताओं को भी मौत के घाट उतार दिया था।

LAKHIMPURI

हादसे में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को आर्थिक सहायता समेत सरकारी नौकरी देने की मांग और मामले में आरोपित केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की भी मांग किसान आंदोलन के रहनुमाओं ने सरकार से की थी। इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एसआईटी की तरफ से जांच के आदेश दे दिए गए हैं। कोर्ट में भी पूरा मामला विचाराधीन है। उधर, केंद्रीय मंत्री के बेटे का कहना है कि जिस वक्त ये हादसा हुआ था, उस वक्त वे कार में सवार नहीं थे, लेकिन दावा किया जा रहा है कि घटनास्थल से कुछ ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि हादसे के वक्त केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ही गाड़ी चला रहे थे, लेकिन इस इस तरह से दोनों ही पक्षों की तरफ से तर्कों को पेश किया जा रहा है, लेकिन कुछ भी अंतिम तौर पर कहना मुश्किल है।

लखीमपुर हिंसा

वहीं, इस पूरे मामले को लेकर एसआईटी की तरफ से बड़ी खबर सामने आई है। खबर है कि एसआईटी ने केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के बेटे के खिलाफ जांच करने हेतु धाराओं को बढ़ा दिया गया है। हत्या और जानलेवा हमले करने की धाराओं को केंद्रीय मंत्री के बेटे खिलाफ जांच बढ़ाई गई है। इन धाराओं को बढ़ाने के बाद आज इस मामले में शामिल में सभी 13 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में  अभी फैसला सुरक्षित रख लिया है। सेक्शन-34 और 149 एक साथ नहीं हो सकते। धारा 149 पहले से लगा हुआ है। उन्होंने कोर्ट से अपील की कि अपने विवेक पर काम करें।

LAKHIMPURI

बता दें कि सोमवार को एसआईटी से जुड़े एक विवेचक ने बताया कि अभी तक जांच से यह साफ जाहिर होता है कि आरोपी ने लापरवाही पूर्वक और असवाधानी पूर्वक रूप से गाड़ी ले चलाने से होनी वाली दुर्घटना का मामला नहीं है, बल्कि यह एक सोची समझी साजिश का नतीजा है। फिलहाल, इसे लेकर जांच का सिलसिला जारी है। मसले का खुलासा जांच के मुकम्मल होने के बाद ही हो पाएगा। लिहाजा मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आरोपियों के खिलाफ जांच के दौरान धाराओं को बढ़ाया गया है। अब देखना होगा कि जांच के मुकम्मल होने के बाद यह पूरा मामला आगे चलकर क्या कुछ रूख अख्तियार करता है।