
अंबेडकरनगर। यूपी के अंबेडकरनगर में गजब का मामला सामने आया है। यहां साल 2014 में मृत एसीएमओ के बंद पड़े घर से 22 लाख से ज्यादा की पुरानी करेंसी मिली है। एसीएमओ रहे डॉ. बीएन तिवारी की मौत जनवरी 2014 को हुई थी। एसीएमओ की मौत संदिग्ध हालत में होने के कारण पुलिस ने कमरे को सील कर दिया था। अब अंबेडकरनगर के डीएम के निर्देश पर कमरा खोला गया और वहां कैश का अंबार मिला। इससे लोग हैरत में हैं। जानकारी के मुताबिक एसीएमओ रहे बीएन तिवारी के कमरे से 2248505 रुपए मिले हैं। इनको ट्रेजरी में रखा गया है।
डॉ. बीएन तिवारी यूपी के प्रतापगढ़ जिले के मूल निवासी थे। 28 अगस्त 2007 को उनको ट्रांसफर कर अंबेडकरनगर भेजा गया था। डॉ. तिवारी को मीरानपुर सीएचसी में रहने की जगह मिली थी। वो अकेले रहते थे। 29 जनवरी 2014 को उनका शव मिला था। मामले को संदिग्ध मानते हुए पुलिस ने डॉ. बीएन तिवारी को मिला कमरा सील किया था। तबसे उस कमरे में कोई नहीं गया। जानकारी के अनुसार मौजूदा सीएमओ डॉ. एसके शैवाल ने अंबेडकरनगर के डीएम अनुपम शुक्ला से कमरा खुलवाने और मरम्मत कराने की मंजूरी मांगी। डीएम ने कमरा खुलवाने के लिए डिप्टी सीएमओ डॉ. मनोज कुमार और डॉ. मारकंडेय प्रसाद को जिम्मेदारी दी।
डिप्टी सीएमओ और डॉक्टर ने जब एसीएमओ रहे बीएन तिवारी का कमरा खुलवाया, तो बिस्तर हटाने पर नीचे 500 और 1000 के बंद हो गए नोटों की गड्डियां निकलीं। इससे सभी हैरत में पड़ गए। कमरे की अलमारी से भी कुछ कैश मिला है। कुल कैश को गिनकर ट्रेजरी भिजवाया गया। अब सवाल ये उठता है कि जब डॉ. बीएन तिवारी की मौत हुई थी और उसे संदिग्ध माना गया, तो पुलिस ने क्या कमरे की छानबीन नहीं की? साथ ही ये सवाल भी है कि डॉ. बीएन तिवारी के बिस्तर के नीचे इतना कैश कैसे आया? अगर ये कैश एसीएमओ का ही है, तो उन्होंने बैंक में रखने की जगह इसे कमरे में बिस्तर के नीचे क्यों रखा था? फिलहाल इन सवालों के जवाब प्रशासन तलाश रहा है।