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Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में सेंध के मास्टरमाइंड ललित झा को बताया जा रहा है ‘क्रांतिकारी योद्धा’, दो लोगों ने घर पहुंचकर लगाए पोस्टर

इस पोस्टर में कल्पना इनामदार की फोटो भी है और उसका मोबाइल नंबर भी दिया गया है। कल्पना इनामदार को राष्ट्रीय लोक आंदोलन की कार्यकारी अध्यक्ष बताया जा रहा है। ललित के परिवार के मुताबिक कल्पना के साथ बलबीर ही घर पर आए थे। उन्होंने सहयोग करने का भरोसा परिवार को दिया है।

दरभंगा। संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों के मास्टरमाइंड बताए जाने वाले ललित झा के बिहार स्थित घर पर क्रांतिकारी योद्धा का पोस्टर लगाया गया है। ललित का घर दरभंगा के बहेड़ा थाना इलाके के रामपुर उदय गांव में है। बताया जा रहा है कि बुझवार शाम को एक महिला समेत दो अंजान लोग ललित झा के घर पहुंचे। उन्होंने खुद को मुंबई और हरियाणा का बताया। ललित झा के भाई हरिदर्शन झा ने मीडिया को बताया कि इन दोनों लोगों ने ललित के घरवालों से कहा कि हम लोग ललित झा से मिलने के लिए आपकी यात्रा का इंतजाम करेंगे। दोनों लोग कह रहे थे कि ललित ने कायर जैसा काम नहीं किया है। वो क्रांतिकारी योद्धा है। इसके बाद ही दोनों ने ललित के घर पर पोस्टर चिपका दिया और फिर चले गए।

ललित झा के घर पर जो पोस्टर लगाया गया है, उसमें ललित के अलावा संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाली नीलम, मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल शिंदे और ललित के साथी महेश की भी फोटो है और लिखा है कि भूख, बेरोजगारी, महंगाई से आजादी चाहिए। इस पोस्टर में कल्पना इनामदार की फोटो भी है और उसका मोबाइल नंबर भी दिया गया है। कल्पना इनामदार को राष्ट्रीय लोक आंदोलन की कार्यकारी अध्यक्ष बताया जा रहा है। ललित के परिवार के मुताबिक कल्पना के साथ बलबीर ही घर पर आए थे। उन्होंने ललित झा के परिजनों से मुलाकात की और इस मामले में सहयोग करने की बात कही। ललित झा के बारे में इससे पहले बिहार एटीएस के लोग पूछताछ करने घर पहुंचे थे। ललित के पिता भी पहले कह चुके हैं कि उनका बेटा गलत नहीं है।

ललित के पिता कोलकाता में पूजा-पाठ करते हैं। वो जो कमाते हैं, उसी से परिवार का खर्च चलता है। इससे पहले पता चला था कि ललित झा कोलकाता के ही एक एनजीओ के साथ जुड़ा हुआ था। 13 दिसंबर को जब संसद की सुरक्षा में सेंधमारी हुई, तो ललित ने वीडियो बनाया था और फिर फरार होकर राजस्थान चला गया था। उसने सभी आरोपियों के मोबाइल भी जलाकर नष्ट कर दिए थे। एक दिन बाद उसने दिल्ली लौटकर पुलिस के सामने सरेंडर किया था।