newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न भरने की समयसीमा बस 3 दिन बाकी, नोटिस से बचने के लिए न करें ये गलतियां

इनकम टैक्स विभाग पहले पिछले 10 साल का ब्योरा किसी टैक्स पेयर से मांग सकता था। बाद में इसे घटाकर 6 साल किया गया है। ऐसे में हर टैक्स पेयर के बीते 6 साल के रिटर्न और आय-खर्च को देखते हुए उसे विभाग कभी भी नोटिस भेज सकता है। इस नोटिस पर फेसलेस सुनवाई होती है। जिसके बाद अगली कार्रवाई तय की जाती है।

नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का आखिरी दिन करीब है। 31 जुलाई 2023 तक इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल न करने पर 5000 रुपए का जुर्माना भरना होगा। इसके साथ ही इस बार इनकम टैक्स की नजर आपकी तरफ से मांगी जाने वाली छूट पर भी है। ये छूट 1.50 लाख रुपए तक की 5 साल की एफडी, पीपीएफ वगैरा पर मिलती है। इसके अलावा मकान किराए की भी एक हद तक इनकम टैक्स विभाग छूट देता है। पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि इनकम टैक्स विभाग ने 1 लाख लोगों को नोटिस भेजा है। इन नोटिस पर अगले साल यानी 2024 के मार्च तक सभी कार्रवाई खत्म की जाएगी।

income tax 2

सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली थी कि इनकम टैक्स विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए इस बार और पिछले 6 साल की टैक्स रिटर्न की छानबीन कर रहा है। इसके बाद अगर कोई शक होता है, तो टैक्स पेयर को नोटिस भेजा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों ने मकान किराया ज्यादा बताकर इनकम टैक्स में छूट मांगी, उनके रिटर्न को अच्छे से खंगाला जा रहा है। पुराने रिटर्न निकालकर उनके हर साल की आय, बचत और खर्च को भी इनकम टैक्स देख रहा है। ऐसे में हमारी सलाह है कि इनकम टैक्स से अपनी कोई भी जानकारी न छिपाएं और अपने पास किराए की रसीद और बचत के पुराने दस्तावेजों की कॉपी जरूर रखें।

indian currency

इनकम टैक्स विभाग पहले पिछले 10 साल का ब्योरा किसी टैक्स पेयर से मांग सकता था। बाद में इसे घटाकर 6 साल किया गया है। ऐसे में हर टैक्स पेयर के बीते 6 साल के रिटर्न और आय-खर्च को देखते हुए उसे विभाग कभी भी नोटिस भेज सकता है। इस नोटिस पर फेसलेस सुनवाई होती है। यानी जांच करने वाले अफसर से टैक्स पेयर को आमना-सामना नहीं करना होता। अगर आपको लगता है कि इनकम टैक्स रिटर्न में कोई गलती रह गई है, तो पिछले 2 साल तक भरे गए रिटर्न में आप संशोधन कर जरूरी टैक्स भी ब्याज समेत चुका सकते हैं। इससे देश को विकास के काम के लिए जरूरी धन तो मिलता ही है। साथ ही बतौर करदाता आप भी पाक-साफ रहते हैं।