नई दिल्ली। बिहार में बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर शुरू हुआ सियासी बवाल का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोई इस रिहाई का समर्थन कर रहा है, तो कोई विरोध कर रहा है। सबके पास अपने-अपने तर्क हैं, लेकिन कुछ सियासी विश्लेषकों का मानना है कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आनंद मोहन की रिहाई की गई है। बता दें कि आनंद एक राजपूत जाति से आते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि राजपूत समाज को चुनाव से पूर्व मंत्रमुग्ध करने के लिए आनंद मोहन की रिहाई की गई है। हालांकि, सलाखों के बाहर आने के बाद भी आनंद मोहन की मुश्किलें नहीं थमी हैं। दरअसल, जिस डीएम की हत्या के आरोप में बाहुबली को पिछले 14 सालों तक जेल की कालकोठरी में रहना पड़ा है। अब उसी डीएम की पत्नी ने आनंद मोहन की रिहाई के विरोध में पटना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि बाहुबली को मिली यह राहत कितने दिनों तक बरकरार रह पाती है।
जानें पूरा माजरा
दरअसल, 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया को आक्रोशित भीड़ ने पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले में आनंद मोहन पर भीड़ को बरगलाने का आरोप लगा था । इन आरोपों के बाद आनंद मोहन, पत्नी लवली सहित 6 आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद निचली अदालत ने उक्त मामले में उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी। पटना हाईकोर्ट ने बाद में इस सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया था। वहीं, इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, लेकिन यहां से भी आनंद मोहन को राहत नहीं मिली, लेकिन अब करीब 14 साल जेल की कालकोठरी में रहने के बाद चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने कारा नियमों में बदलाव कर जिस तरह से आनंद मोहन की रिहाई का मार्ग प्रशस्त किया है, उसे लेकर बिहार में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो चुकी है। कोई उनकी रिहाई का विरोध कर रहा है, तो कोई समर्थन कर रहा है, तो कोई आनंद मोहन को निर्दोश बता रहा है।
बता दें कि आनंद मोहन की रिहाई के मौके पर पत्नी लवली सिंह की आंखें भी नम हो गईं। आनंद मोहन के परिवार का माहौल अभी खुशगवार है, क्योंकि आगामी 3 मई को उनके बेटे का विवाह भी निर्धारित है। ऐसे में विवाह में अब आनंद मोहन भी शिरकत कर सकेंगे। जिससे परिवार में खुशी का माहौल है। हालांकि, इससे पहले भी उन्हें समय-समय पर पैरोल मिलती रही है, लेकिन अब जिस तरह से नीतीश कुमार ने उनकी रिहाई का मार्ग प्रशस्त किया है, उसे लेकर बिहार में सियासी बाजार गुलजार हो चुका है। वहीं, दिवंगत डीएम कृष्णैया की पत्नी और बेटे ने आनंद मोहन की रिहाई के विरोध में पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आनंद मोहन की रिहाई पर दिवंगत डीएम की पत्नी और बेटी का भी बयान सामने आया है। आइए, आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है।
दिवंगत डीएम की पत्नी ने क्या कहा
दरअसल, दिवंगत डीएम की पत्नी ने कहा कि जनता आनंद मोहन की रिहाई का विरोध करेगी, उसे वापस जेल भेजने की मांग करेगी। उन्हें रिहा करना गलत फैसला है। सीएम को इस तरह की चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। अगर वह (आनंद मोहन) भविष्य में चुनाव लड़ेंगे तो जनता को उनका बहिष्कार करना चाहिए। मैं उन्हें (आनंद मोहन) वापस जेल भेजने की अपील करती हूं।
Hyderabad | Public will protest against the release of Anand Mohan, demanding to send him back to jail. Releasing him is a wrong decision. CM should not encourage these types of things. If he (Anand Mohan) will contest elections in the future the public should boycott him. I… pic.twitter.com/NPEBQkFSca
— ANI (@ANI) April 27, 2023
उधर, दिवंगत डीएम की बेटी ने भी कहा कि आनंद मोहन सिंह का आज जेल से छूटना हमारे लिए बहुत दुख की बात है। सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। मैं नीतीश कुमार जी से अनुरोध करता हूं कि इस फैसले पर दोबारा विचार करें। इस फैसले से उनकी सरकार ने एक गलत मिसाल कायम की है। ये अनुचित है।
Hyderabad | Public will protest against the release of Anand Mohan, demanding to send him back to jail. Releasing him is a wrong decision. CM should not encourage these types of things. If he (Anand Mohan) will contest elections in the future the public should boycott him. I… pic.twitter.com/NPEBQkFSca
— ANI (@ANI) April 27, 2023
वहीं, जिस तरह से आनंद मोहन की रिहाई को नीतीश कुमार द्वारा जेल मैनुअल के नियमों का उल्लंघन बताया जा रहा है, उस पर राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुहाबनी ने बयान जारी कर कहा कि उन्हें (आनंद मोहन को) रिहा करने का फैसला पूरे रिकॉर्ड और रिपोर्ट को देखने के बाद कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत लिया गया है. मुझे लगता है कि इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।
Patna | The decision to release him (Anand Mohan) has been taken under the legal and administrative process after seeing the overall record and report. I feel this should not be given a political angle: Bihar chief secretary Amir Subhani on the release of former Bihar MP and… pic.twitter.com/bkc0j3YZDd
— ANI (@ANI) April 27, 2023
बता दें कि आमिर सुहाबनी का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब आनंद मोहन की रिहाई मामले में कानून और संविधान की दुहाई जा रही है। बहरहाल, अब जिस तरह से इस पूरे मामले को लेकर बिहार की राजनीति का पारा गरम है। ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।