newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

स्वतंत्रता दिवस 2020 : जानें भारतीय इतिहास में ये दिन कैसे बना महत्वपूर्ण

भारत (India) में कल यानी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाया जायेगा। इस साल देश स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ (74th Independence Day) मनाने जा रहा है।

नई दिल्ली। भारत (India) में कल यानी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाया जायेगा। इस साल देश स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ (74th Independence Day) मनाने जा रहा है। हर साल इसी दिन देश में आजादी का जश्न मनाया जाता है। क्योंकि इसी दिन भारत को 200 साल तक अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी।

कोरोना का दिखेगा असर

15 अगस्त 2020 शनिवार को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करेंगे। हर साल लाल किले की प्राचीर से 15 अगस्त को प्रधानमंत्री के द्वारा देश को संबोधित किया जाता है। इस साल 15 अगस्त अलग तरह से मनाया जाएगा। इस साल कोरोना महामारी के चलते बच्चों को बुजुर्गों को इस कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जाएगा।

स्वतंत्रता दिवस का इतिहास

भारतीय उपमहाद्वीप में यूरोपीय व्यापारियों ने 17वीं सदी से ही पैर जमाना शुरू कर दिया था। अपनी सैन्य शक्ति में बढ़ोतरी करते हुए ईस्ट इंडिया कंपनी ने 18वीं सदी के अन्त तक स्थानीय राज्यों को अपने वशीभूत करके अपने आप को स्थापित कर लिया था। 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत सरकार अधिनियम 1858 के अनुसार भारत पर सीधा आधिपत्य ब्रितानी ताज (ब्रिटिश क्राउन) अर्थात ब्रिटेन की राजशाही का हो गया। दशकों बाद नागरिक समाज ने धीरे-धीरे अपना विकास किया और इसके परिणामस्वरूप 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस निर्माण हुआ। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद का समय ब्रितानी सुधारों के काल के रूप में जाना जाता है जिसमें मोंटेगू-चेम्सफोर्ड सुधार गिना जाता है लेकिन इसे भी रोलेट एक्ट की तरह दबाने वाले अधिनियम के रूप में देखा जाता है जिसके कारण स्वरुप भारतीय समाज सुधारकों द्वारा स्वशासन का आवाहन किया गया। इसके परिणामस्वरूप महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलनों तथा राष्ट्रव्यापी अहिंसक आंदोलनों की शुरूआत हो गयी।

mahatma gandhi

1930 के दशक के दौरान ब्रितानी कानूनों में धीरे-धीरे सुधार जारी रहे, परिणामी चुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की। अगला दशक काफी राजनीतिक उथल पुथल वाला रह। द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की सहभागिता, कांग्रेस द्वारा असहयोग का अन्तिम फैसला और अखिल भारतीय मुस्लिम लीग द्वारा मुस्लिम राष्ट्रवाद का उदय। 1947 में स्वतंत्रता के समय तक राजनीतिक तनाव बढ़ता गया। इस उपमहाद्वीप के आनन्दोत्सव का अंत भारत और पाकिस्तान के विभाजन के रूप में हुआ।

independence day

स्वतंत्रता दिवस सैनानियों के त्याग को याद दिलाता है

स्वतंत्रता दिवस वो दिन है जो हमें हमारे स्वतंत्रता सैनानियों के त्याग को याद दिलाता है। भारत को मिली ये आजादी बहुत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि इसके लिए देश के वीरों ने अपने प्राणों की कुर्बानी दी और काफी संघर्ष किया। महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ.राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सुखदेव, गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपत राय, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक, चंद्र शेखर आजाद के बलिदान के कारण ही आज हम आजाद भारत में सांस ले पा रहे हैं।

भारत में स्वतंत्रता दिवस का महत्व

भारत में स्वतंत्रता दिवस प्रतीक नई दिल्ली का लाल किला है जहां 15 अगस्त 1947 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने तिरंगा फहराया था। यह परंपरा आज भी जारी है और इस दिन प्रधानमंत्री लाल किले से तिरंगा फहराने के साथ ही देश को संबोधित करते हैं।

modi at red fort on independence day

भारतीय इतिहास में ये दिन महत्वपूर्ण

अंग्रेजों की गुलामी और उनकी प्रताड़ना से भारत को 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली थी। यह दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।