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Fact Check: अग्निवीर के अंतिम संस्कार में सैनिक सम्मान न मिलने पर सोशल मीडिया पर फैलाया गया झूठ, सेना ने बताई सच्चाई

Fact Check: सेना द्वारा मृतक सैनिक को सैन्य सम्मान दिए जाने पर अग्निवीर योजना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना भी साधा, लेकिन अब सेना ने इस पर बयान जारी कर अपना रूख साफ किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि जब सैनिक जंग के मैदान में वीरगति को प्राप्त होता है, तो उसे सेना द्वारा सैन्य सम्मान प्रदान किया जाता है।

नई दिल्ली। गत वर्ष केंद्र की मोदी सरकार सेना के तीनों अंगों में जवानों की भर्ती के लिए अग्निवीर योजना लेकर आई थी। इस योजना के अंतर्गत चार वर्ष तक युवाओं को सेना में काम करने का मौका दिए जाने की बात कही थी और इसके अलावा कई अन्य प्रकार की सहूलियतें देने का जिक्र किया गया था, लेकिन सियासी गलियारों में विपक्षी दलों द्वारा इस योजना की खूब मजम्मत की गई। इतना ही नहीं, युवाओं ने सड़कों पर आकर इस योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन किए और सरकार से इसे वापस लेने की मांग। हालांकि, मीडिया के जरिए सरकार ने प्रदर्शनकारी युवाओं को यह समझाने का प्रयास किया कि यह योजना आपके हित में है, लेकिन अगर इसके बावजूद आपको लगता है कि इसमें किसी प्रकार का सुधार किया जाना चाहिए, तो हम इसके लिए तैयार हैं।

उधर, विपक्षी दलों ने केंद्र के उक्त योजना को युवाओं के हितों पर कुठाराघात करार दिया, लेकिन इन तमाम विरोधों के बावजूद सरकार इस योजना को धरातल पर उतारने में सफल रही है। वहीं, अब कई युवा सामने आकर दावा कर रहे हैं कि उन्हें इस योजना से फायदा पहुंचा है। खैर, इतना सबकुछ पढ़ने के बाद आप मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि आप अग्निवीर योजना को लेकर भूमिकाओं के जाल बुने जा रहे हैं। आखिर माजरा क्या है। जरा कुछ खुलकर बताएंगे तो आपको बता दें कि अग्निवीर योजना को लेकर सोशल मीडिया पर एक ऐसी खबर सामने आई थी, जिसके बाद विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हो चुकी थी, लेकिन बाद में यह खबर बे-सिर पैर वाली निकली।

Agniveer

दरअसल, सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के मुताबिक, एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में अग्निवीर अमृतपाल सिंह की राजौरी सेक्टर में संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को लगी गोली लगने से मौत हो गई। अधिक विवरण सुनिश्चित करने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी जारी है। मृतकों के पार्थिव शरीर, एक जूनियर कमीशंड अधिकारी और चार अन्य रैंक के लोगों के साथ, अग्निवीर की यूनिट द्वारा किराए पर ली गई एक सिविल एम्बुलेंस में ले जाए गए। अंतिम संस्कार में उनके साथ सेना के जवान भी शामिल हुए। मृत्यु का कारण स्वयं को लगी चोट थी। मौजूदा नीति के अनुसार कोई गार्ड ऑफ ऑनर या सैन्य अंतिम संस्कार प्रदान नहीं किया गया था। भारतीय सेना शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती है।

Agniveer First Batch.

उधर, सेना द्वारा मृतक सैनिक को सैन्य सम्मान नहीं दिए जाने पर विपक्षी दलों ने अग्निवीर योजना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना भी साधा, लेकिन अब सेना ने इस पर बयान जारी कर अपना रूख साफ किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि जब सैनिक जंग के मैदान में वीरगति को प्राप्त होता है, तो उसे सैन्य सम्मान प्रदान किया जाता है, चूंकि यह नियम है, लेकिन जब सैनिक किसी और वजह से मृत्यु होती है, तो उसे किसी भी प्रकार का सैन्य सम्मान प्रदान नहीं किया जाता है। यह नियम सेना में कार्यरत हर व्यक्ति पर लागू होती है। आमतौर पर जंग के मैदान में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को ही सैन्य सम्मान प्रदान किए जाने का प्रावधान है। तो सेना के उक्त बयान के बाद उम्मीद है कि इस पूरे मुद्दे को लेकर हो-हल्ला मचाने वाले विपक्षी दलों ने जहां एक तरफ हल्ला मचाना बंद कर दिया होगा, तो वहीं उनका थोड़ा ज्ञानवर्धन भी हो गया। बहरहाल, बतौर पाठक आपका इस पूरे मुद्दे पर क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा। तब तक के लिए आप देश-दुनिया की तमाम छोटी बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम