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DCW Employees Sacked: दिल्ली महिला आयोग से 223 कर्मचारियों की छुट्टी, अध्यक्ष रहीं स्वाति मालीवाल पर बिना मंजूरी नियुक्ति करने का आरोप

DCW Employees Sacked: दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने इससे पहले दिल्ली सरकार के कई विभागों में बिना मंजूरी कर्मचारियों की भर्ती पर सख्त रुख अपनाया था। उनके आदेश पर कर्मचारियों को हटाया गया था। जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी और लेफ्टिनेंट गवर्नर के बीच बयानों की जंग भी चली थी।

नई दिल्ली। दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना के आदेश पर दिल्ली महिला आयोग से 223 कर्मचारियों की छुट्टी कर दी गई है। आरोप है कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रहते वक्त स्वाति मालीवाल ने बिना मंजूरी के इन सभी 223 कर्मचारियों की नियुक्ति की थी। स्वाति मालीवाल अब राज्यसभा की सदस्य हैं। इस मामले में भी अब सियासत गर्माती दिख रही है। बता दें कि दिल्ली महिला आयोग में स्वीकृत पदों की संख्या 40 ही है।

दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के आदेश पर दिल्ली महिला आयोग से कर्मचारियों की छंटनी पर पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट पर रखे सारे स्टाफ को हटाने से महिला आयोग बंद हो जाएगा। उन्होंने और क्या कहा, ये पढ़िए।

दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने इससे पहले दिल्ली सरकार के कई विभागों में बिना मंजूरी कर्मचारियों की भर्ती पर सख्त रुख अपनाया था। उनके आदेश पर कर्मचारियों को हटाया गया था। जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी और लेफ्टिनेंट गवर्नर के बीच बयानों की जंग भी चली थी। वहीं, दिल्ली में वक्फ बोर्ड में भी भर्ती घोटाला सामने आ चुका है। उस मामले में वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष और ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी हैं और ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं।

leutenant gov of delhi vk saxena

फिलहाल कर्मचारियों को हटाने का आदेश ऐसे वक्त आया है, जबकि लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। जाहिर तौर पर आम आदमी पार्टी की तरफ से लेफ्टिनेंट गवर्नर के इस आदेश के विरोध में आवाज आ सकती है। सबसे अहम सवाल ये है कि हर सरकारी नियुक्ति के लिए वित्त विभाग समेत कई अन्य विभागों से मंजूरी लेनी होती है। ऐसे में किस तरह 200 से ज्यादा कर्मचारियों की नियुक्ति कर ली गई और ये सवाल भी उठता है कि इतने दिनों तक बिना मंजूरी इनको काम कैसे करने दिया गया?