नई दिल्ली। महाकाल की नगरी उज्जैन समेत मध्य प्रदेश के 17 शहरों में शराब बंदी का फैसला लिया गया है। जिन शहरों में शराब की दुकानों को बंद कराया जाएगा उनमें से ज्यादातर धार्मिक शहर हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट बैठक में शराबबंदी पर चर्चा के बाद इस निर्णय पर मोहर लगी। सीएम मोहन यादव ने कहा कि आगे जाकर शराबबंदी की तरफ राज्य आगे बढ़े इसके संबंध में पहले चरण में 17 शहरों में शराब की दुकानों को बंद कराया जाएगा। इतना ही नहीं बंद होने वाली दुकानों को दूसरी जगह शिफ्ट भी नहीं किया जाएगा।
#BREAKING | Madhya Pradesh Govt bans liquor in 17 holy cities!
Great move by CM Dr Mohan Yadav 👏#MadhyaPradesh #LiquorBan pic.twitter.com/csZllCFBk6
— Ashwini Shrivastava (@AshwiniSahaya) January 24, 2025
इन शहरों में बंद होगी शराब बिक्री
सीएम ने बताया कि एक नगर निगम, 6 नगर पालिका, 6 नगर परिषद और 6 ग्राम पंचायतों में शराब की दुकानें बंद होंगी। उज्जैन नगर निगम, मैहर नगर पालिका, दतिया नगर पालिका, पन्ना नगर पालिका, मंडला नगर पालिका, मुलताई नगर पालिका, मंदसौर नगर पालिका, ओरछा नगर परिषद, चित्रकूट नगर परिषद, अमरकंटक नगर परिषद, महेश्वर नगर परिषद, ओंकारेश्वर नगर परिषद, मंडलेश्वर नगर परिषद में शराब की दुकानों को बंद कराया जाएगा। ग्राम पंचायत में सलकनपुर, बांदकपुर, कुंडलपुर, बरमान कला, लिंगा व बरमान खुर्द शामिल है जहां शराब की दुकानें बंद रहेंगी। वहीं मां नर्मदा के दोनों तटों से 5 किलोमीटर की दूरी तक शराब बिक्री पर बैन की जो पॉलिसी पहले से ही लागू है वो आगे भी जारी रहेगी।
Maheshwar, Madhya Pradesh: Deputy CM Jagdish Devda on CM Mohan Yadav Cabinet’s approval of the liquor ban in 17 religious sites says, “Congratulations to the CM for approving it in the cabinet with great religious determination…” pic.twitter.com/BtFNBvLdXV
— IANS (@ians_india) January 24, 2025
वहीं मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कैबिनेट के शराबबंदी के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, बड़े धार्मिक संकल्प के साथ कैबिनेट में इसे मंजूरी दी गई। इस निर्णय के बाद कुल 47 शराब की दुकानें बंद होंगी जिन्हें शून्य घोषित किया जाएगा। रेवेन्यू के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस फैसले से सरकार को आर्थिक हानि तो होगी लेकिन यह निर्णय अच्छा है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी शराबबंदी का मुद्दा उठा था।