नई दिल्ली। इजराइल और फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास के बीच जारी जंग थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक इस जंग में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, तो कई अभी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। वहीं, इस जंग को लेकर भारत में सियासी बयानबाजी तेज हो चुकी है। दरअसल, जहां कुछ इस जंग में इजराइल का समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं कुछ फिलिस्तीन को सपोर्ट कर रहे हैं। सभी मुस्लिम खुलकर फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से इजराइल का समर्थन करने का ऐलान किया है।
इस संदर्भ में बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से भी बात की थी और उन्हें हर संभव मदद देने का भी आश्वासन दिया। इसके अलावा इजराइल में फंसे भारतीयों की सकुशल वापसी के लिए भी केंद्र की मोदी सरकार एक्शन मोड में आ चुकी है। अब तक वहां फंसे कई भारतीयों की सकुशल वापसी हो चुकी है। इस कार्य में तेजी लाने के लिए बीते दिनों केंद्र सरकार की ओर से ऑपरेशन अजय की शुरुआत की गई थी। जिसके तहत अब तक कई लोगों की स्वदेश वापसी हो चुकी है, मगर इस बीच जिस तरह से इस मुद्दे को लेकर भारत में सियासत हो रही है, बहुत मुमकिन है कि इसका असर आगामी लोकसभा चुनाव में भी पड़े। बता दें कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश स्थित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के विधार्थियों ने फिलिस्तीन के समर्थन में काफिला निकाला था, जिसे संज्ञान में लेने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो टूक कह दिया था कि अगर अब किसी ने भी प्रदेश में फिलिस्तीन के समर्थन में कोई भी गतिविधि की, तो उसे विधिक कार्रवाई का सामना करना होगा। जिस पर अब सियासत भी तेज हो चुकी है।
दरअसल, सीएम योगी के उक्त बयान को एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चुनौती दी है। जिसमें उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि एक मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलिस्तीन का नाम लेने पर केस बुक होगा, तो हम उस बाबा मुख्यमंत्री से कहना चाहेंगे। सुनो बाबा मैं उस फिलिस्तीन का झंडा तिरंगे के साथ लेकर आया हूं। फिलिस्तीन इंसानियत का मसला है। बहरहाल, अभी तक ओवैसी के इस बयान पर सीएम योगी की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अब ऐसे में आगामी दिनों में इस पर किसकी क्या प्रतिक्रिया आती है। सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि बीते दिनों फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने इजराइल पर चार से भी अधिक रॉकेट दागे थे, जिसमें इजराइल के हजारों लोग की मौत हो चुकी है। इसके अलावा कई ऐसे वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आ रहे हैं, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे फिलिस्तीनी लड़ाके इजराइली महिलाओं को निर्वस्त्र कर उन्हें बेआबरू कर रहे हैं।
उनके साथ अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं। फिलहाल, यह पूरा मुद्दा वैश्विक समुदाय में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। उधर, अमेरिका ने इजराइल का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है। बीते दिनों अमेरिका के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री इजराइल गए थे। जिस पर अमेरिका ने बयान जारी कर कहा था कि वैसे तो इजराइल के पास खुद का आत्मरक्षा करने की क्षमता है, लेकिन अगर इसके बावजूद भी उसे किसी भी तरह से अमेरिका की मदद की दरकार महसूस हो, तो वो हमसे बिना किसी गुरेज के कह सकता है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में दोनों देशों के बीच जारी जंग का क्या स्वरूप देखने को मिलता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।