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Operation Kaveri: ‘हमें लगा था कि हम भारत नहीं आ पाएंगे’, सुडान से हमवतन लौटे लोगों का दर्द सुन PM मोदी ने कह दी दिल छू देने वाली बात

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आज पीएम मोदी कर्नाटक पहुंचे। जहां उन्होंने संकटाग्रस्त सूडान से स्वदेश लौटे भारतीय से वार्ता की और उनका हाल चाल जाना, तो इस बीच कई लोगों ने यहां तक कहने से गुरेज नहीं किया कि हमें तो लगा ति अब हम कभी-भी भारत नहीं लौट पाएंगे। इस बीच कुछ लोगों ने पीएम से वार्ता के दौरान यह विश्वास जताने में गुरजे नहीं किया कि हमें पता था कि हमारे प्रधानमंत्री हमें जरूर बचा लेंगे।

नई दिल्ली। अगर विलायत में कोई हिंदुस्तानी कहीं फंस जाए, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तब तक ना खुद चैन से बैठते हैं और ना ही किसी को बैठने देते हैं , जब तक कि उस हिंदुस्तानी को सकुशल स्वदेश ना लाया जाए। इसकी बानगी हमें गत दिनों तुर्किए में भूकंप से लेकर युद्ध की विभीषिका झेल रहे यूक्रेन तक में देखने को मिल चुकी है। वहीं, आजकल सूडान में भी फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने की कवायद जारी है। अब तक 7 हजार से भी अधिक हिंदुस्तानियों को सुरक्षित लाया जा चुका है। केंद्र की ओर से सूडान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू किया गया है। इस ऑपरेशन के तहत अब तक हजारों लोगों को सुरक्षित भारत लाया जा चुका है।

बता दें कि सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच जंग जारी है। जिसमें देश को सामरिक मोर्चे पर काफी आर्थिक क्षति पहुंची है। देश में आम जनजीवन तहस-नहस हो चुका है। देश के राजस्व को बड़ा नुकसान हो रहा है। संकटाग्रस्त सूडान से स्वदेश लौटे भारतीयों नें मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अब सूडान रहने लायक नहीं रह गया है। मूलभूत आवश्यकतों के लिए भी लोगों को दर-दर की ठोकरे खाने पड़ रही है। वहां से वापस स्वदेश लौटे लोगों, तो यहां तक कहने स भी गुरेज नहीं कर रहे हैं कि ऐसा लग रहा था कि अब हमारी जिंदगी यहीं समाप्त हो जाएगी। अब हमें कभी स्वदेश नहीं लौट पाएंगे। लेकिन हमारे देश के प्रधानमंत्री ने हमें बचा लिया।

वहीं, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आज पीएम मोदी कर्नाटक पहुंचे। जहां उन्होंने संकटाग्रस्त सूडान से स्वदेश लौटे भारतीय से वार्ता की और उनका हाल चाल जाना, तो इस बीच कई लोगों ने यहां तक कहने से गुरेज नहीं किया कि हमें तो लगा था कि अब हम कभी-भी भारत नहीं लौट पाएंगे। इस बीच कुछ लोगों ने पीएम से वार्ता के दौरान यह विश्वास जताने में गुरजे नहीं किया कि हमें पता था कि हमारे प्रधानमंत्री हमें जरूर बचा लेंगे। आइए, आगे कि रिपोर्ट में हम आपको सूडान से स्वदेश लौटे भारतीयों और प्रधानमंत्री के बीच हुई वार्ता के कुछ अंश दिखाते हैं।

ये हैं बातचीत के कुछ अंश

सवाल: सबसे पहले आप यह बताइए कि आपको इस समस्या के बारे मे कैसे पता लगा। वो संकेत क्या थे?

जवाब: पहले तो हमें लगा कि यह महज एक मामूली विवाद है, लेकिन धीरे-धीरे यह मामूली विवाद हिंसक होता चला। टैंक उड़ा दिए गए। धीरे-धीरे आम जरूरतों की चीजों की आपूर्ति बंद कर दी गई। रेलवे एयरपोर्ट सहित सभी यातायात वाहनों के संचालन बंद कर दिए गए। इसके बाद हमें लगा कि अब हमारा यहां रह पाना मुश्किल है, लेकिन बाद में हमें पता लगा कि हमारे प्रधानमंत्री भारत में हमें सकुशल लगाने के लिए बैठक रहे हैं, तो हमारे अंदर एक विश्वास और उम्मीद जगी।

सवाल: आप लोग कितने सालों के लिए सूडान जाते हैं?

जवाब: इस सवाल पर लोगों ने प्रधानमंत्री को कहा कि हम आमतौर पर चार से पांच साल के दरम्यान सूडान जाते हैं। अक्सर हम वहां काम की तलाश में जाते हैं, लेकिन इस बार जैसे ही वहां संकट आया तो हमें लगा कि अब सबकुछ खत्म हो गया। अब हमारा बच पाना मुश्किल है, लेकिन गनीमत है कि प्रधानमंत्री ने हमें बचा लिया। इसके लिए हम आजीवन उनके आभारी रहेंगे।

सवाल : आपको कोई नुकसान तो नहीं हुआ।

जवाब: इस पर सूडान से स्वदेश लौटे लोगों ने यह कहा कि आखिर हमारे प्रधानमंत्री के रहते हुए हमें कोई नुकसान कैसे हो सकता है। हमें खरोंच तक नहीं आई है।