newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Yogi Adityanath Targeted SP : लोहिया ने रामायण मेलों का प्रचलन शुरू कराया था मगर आज के समाजवादी राम भक्तों पर गोलियां चलवाते हैं, योगी आदित्यनाथ ने सपा पर साधा निशाना

Yogi Adityanath Targeted SP : गोरखपुर में राम कथा समापन कार्यक्रम में यूपी सीएम योगी बोले, भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान शंकर के बिना भारत का पत्ता भी नहीं हिल सकता है, हमने इसे अपनी जीवन पद्धति का हिस्सा माना है। हो सकता है डा. लोहिया के वर्तमान के चेले यह ना मानते हों। जो राम का विरोधी है उसकी तो दुर्गति हमेशा होनी ही होनी है। न तो उसे सफलता मिल सकती है और न ही सद्गति।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आज गोरखपुर पहुंचे। गोरखनाथ मंदिर में चल रही सात दिवसीय राम कथा के समापन अवसर पर योगी ने कहा, भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान शंकर के बिना भारत का पत्ता भी नहीं हिल सकता है, हमने इसे अपनी जीवन पद्धति का हिस्सा माना है। योगी ने समाजवादी पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा कि हो सकता है डा. लोहिया के वर्तमान के चेले यह ना मानते हों। योगी ने बताया कि संत तुलसीदास ने उत्तर भारत में रामलीलाओं का प्रचलन कराया था। डा. लोहिया ने रामायण मेलों का प्रचलन शुरू किया था। वो समाजवादी थे लेकिन आज के समाजवादी राम भक्तों पर गोलियां चलवाते हैं और लोहिया का नाम जपते हैं।

योगी बोले, जब व्यक्ति के आचार और विचार में समन्वय नहीं होता है तो उसकी दुर्गति होती है। जो राम का विरोधी है उसकी तो दुर्गति हमेशा होनी ही होनी है। न तो उसे सफलता मिल सकती है और न ही सद्गति। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद दुनिया भर में यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि भारत ज्यादा समय तक अखंड नहीं रहेगा और बहुत जल्द ही फिर से विभाजित हो जाएगा। जब मुखर समाजवादी, कांग्रेस के विरोधी और स्वतंत्रता सेनानी राम मनोहर लोहिया से यह सवाल पूछा गया था कि क्या भारत एक रह पाएगा?

इस पर लोहिया जी ने जवाब दिया कि यह सवाल उठना ही नहीं चाहिए। दुनिया अभी तक भारत को समझ नहीं पाई है। जब तक भारत के अंदर राम, कृष्ण और शंकर की पूजा होती रहेगी, दुनिया का कोई माई का लाल भारत का बाल बांका भी नहीं कर पाएगा। सीएम ने कहा कि ‘मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की कथा’ इस ब्रंह्माड में सदैव गूंजायमान रहती है, ‘हरि अनंत, हरि कथा अनंता।‘ योगी ने कथा वाचक शांतनु जी महाराज की प्रशंसा की।