नई दिल्ली। अगले साल बजट के बाद आपकी रसोई का खर्च बढ़ने के पूरे आसार दिख रहे हैं। मोदी सरकार बजट में रसोई गैस की सब्सिडी पर बड़ा फैसला करने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक अब रसोई गैस की सब्सिडी सबको नहीं मिलेगी। ये सब्सिडी सिर्फ बीपीएल यानी गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को ही दी जा सकती है। बजट में इस बारे में प्रस्ताव आने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस बार बजट में रसोई गैस सब्सिडी के लिए महज 6000 करोड़ रुपए मांगे हैं। ये पिछले साल के सब्सिडी प्रावधान के मुकाबले आधे से भी कम है। यानी सरकार की मंशा है कि सबको सब्सिडी न दी जाए। ऐसा होने पर तेल कंपनियां जो रेट तय करेंगी, वो आपको देनी होगी। इसका कोई हिस्सा आपके बैंक खाते में वापस नहीं आएगा। बता दें कि रसोई गैस के एक सिलेंडर की कीमत अभी 900 रुपए से ज्यादा हो गई है। सब्सिडी मिलने के बाद भी इसकी कीमत 850 रुपए से ज्यादा पड़ती है। ऐसे में सब्सिडी हटाने का फैसला होने पर रसोई गैस की कीमत 1000 रुपए से भी ज्यादा होने के आसार हैं।
दरअसल, मोदी सरकार ने गरीबों को रसोई गैस देने के लिए उज्जवला योजना शुरू की है। इसके तहत गरीब परिवारों को चूल्हा और गैस सिलेंडर दिए जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक पिछले काफी समय से ऐसी खबरें सरकार को मिल रही हैं कि रसोई गैस की महंगी कीमत की वजह से गरीब फिर से लकड़ी वाले चूल्हे का इस्तेमाल करने लगे हैं। ऐसे में सरकार का इरादा रसोई गैस में उन्हें सब्सिडी देकर लकड़ी वाले चूल्हे से दूर करना है।
इसके अलावा पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी काफी ऊपर हैं। हालांकि, मोदी सरकार ने एक्साइज ड्यूटी कम की है और कई राज्यों ने वैट भी घटाया है। बावजूद इसके तेल के दाम लोगों की जेब तो काट ही रहे हैं। अब रसोई गैस भी अगर सब्सिडी मुक्त हो जाती है, तो आप खुद सोच लीजिए कि आपके महीने का बजट कितना बिगड़ सकता है।