नई दिल्ली। आर्थिक संकट से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) की जनता को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Lt Governor Manoj Sinha) ने बड़ा तोहफा दिया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को राज्य के लिए 1,350 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज (Economic Package) का ऐलान किया है। उपराज्यपाल ने मनोज सिन्हा ने कहा, ‘मुझे आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे राज्य के कारोबारियों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। यह कारोबारियों को सुविधा देने के लिए हमारे द्वारा किए गए आत्मनिर्भर भारत और अन्य उपायों के लाभों के अतिरिक्त है।’
आर्थिक समस्या झेल रहे बिजनेस समुदाय के लोगों के लिए 1,350 करोड़ का आर्थिक पैकेज मंजूर किया है। ये आत्मनिर्भर भारत अभियान के अलावा है इसके साथ कई बड़े प्रशासनिक कदम भी हमने लिये हैं जिससे आवाम को आने वाले दिनों में बड़ा लाभ मिलने वाला है: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा pic.twitter.com/3HQKehb7Ub
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 19, 2020
इसके अलावा मनोज सिन्हा ने बिजली-पानी के बिलों पर एक साल तक 50 प्रतिशत छूट का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा, ‘बिजली और पानी के बिल में एक साल तक के लिए 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। सभी कर्जधारकों के मामले में मार्च 2021 तक स्टैंप ड्यूटी में छूट दी गई है। अच्छे मूल्य निर्धारण पुनर्भुगतान विकल्पों के साथ पर्यटन क्षेत्र में लोगों को वित्तीय सहायता के लिए जम्मू और कश्मीर बैंक द्वारा कस्टम हेल्थ-टूरिज्म योजना की स्थापना की जाएगी।’
50% discount to be given for a year in electricity&water bills. Stamp duty exempted up to March 2021 in case of all borrowers. Setting up customised Health-Tourism scheme by J&K bank for financial assistance to people in tourism sector with good pricing&repayment options: J&K LG pic.twitter.com/tZYNRCafxp
— ANI (@ANI) September 19, 2020
उपराज्यपाल ने कहा, ‘हमने मौजूदा वित्तीय वर्ष में छह महीने के लिए बिना किसी शर्त के, कारोबारी समुदाय के प्रत्येक उधार लेने वाले व्यक्ति को पांच प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया है। यह एक बड़ी राहत होगी और यहां रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी।’
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हथकरघा और हस्तशिल्प उद्योग में काम करने वालों को 7 प्रतिशत सबवेंशन देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि क्रेडिट कार्ड योजना के तहत हमने हथकरघा और हस्तशिल्प उद्योग में काम करने वाले लोगों के लिए अधिकतम सीमा एक लाख से दो लाख रुपये तक बढ़ाने का फैसला किया है। उन्हें पांच प्रतिशत ब्याज सबवेंशन (आर्थिक मदद) भी दिया जाएगा।