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Draupadi Murmu Birthday: बच्चों के साथ जन्मदिन का जश्न मनाएंगी मैडम प्रेसिडेंट, क्लर्क से राष्ट्रपति बनने तक का सफर नहीं था आसान

Draupadi Murmu Birthday: विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश कहे जाने वाले भारत के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर विराजमान द्रौपदी मुर्मू का का जन्म 20 जून 1958 को ओड़िशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में एक संथाल परिवार में हुआ था।

नई दिल्ली। जीवन की हर उथल-पुथल को दृढ़ता से लड़कर पार करने वाली देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज अपना 65वां जन्मदिन मना रही हैं। जन्मदिन के मौके पर आज मैडम प्रेसिडेंट को हर कोई बधाई दे रहा है। देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति महोदया को ट्वीट कर जन्मदिन की बधाई दी है। जानकारी के मुताबिक मैडम प्रेसिडेंट आज अपना जन्मदिन राष्ट्रपति भवन स्थित कल्याण केंद्र में कर्मचारियों के बच्चों और अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट में अनाथ बच्चों के साथ मनाएंगी।

विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश कहे जाने वाले भारत के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर विराजमान द्रौपदी मुर्मू का का जन्म 20 जून 1958 को ओड़िशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में एक संथाल परिवार में हुआ था।

आपको बता दें कि मैडम प्रेसिडेंट यूं तो एक आदिवासी समुदाय से आती हैं। लेकिन इसके बावजूद उनका हिंदी प्रेम उनके कहे हर वाक्य में झलकता है। हिंदी के प्रति अपने इसी प्रगाढ़ प्रेम के कारण कई बार वो अपने लिखित संबोधन से अतिरिक्त भी कई बातें कह जाती हैं, जो लोगों को काफी पसंद भी आती हैं। हालांकि, मैडम प्रेसिडेंट को ऐसा न करने की सलाह भी दी गई। लेकिन इसपर उनका जवाब था- ‘मैं क्यों न बोलूं हिंदी? मुझे प्रेम है हिंदी से।’ राष्ट्रपति मुर्मू के इस हिंदी प्रेम के कारण ही राष्ट्रपति भवन का पुस्तकालय हिंदी की किताबों के मामले में पहले की अपेक्षा ज्यादा समृद्ध हुआ है। इस पुस्तकालय में संस्कृति, साहित्य की किताबों के लिए एक एक्स्ट्रा शेल्फ बनाया गया है।

देश के सर्वोच्च पद पर पदस्थापित द्रौपदी मुर्मू का ये सफर इतना आसान नहीं था। संथाल परिवार में जन्मी मुर्मू ने सिंचाई व ऊर्जा विभाग में जूनियर असिस्टेंट की नौकरी की। उसके बाद रायरंगपुर में अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर में बतौर शिक्षक अपनी सेवाएं दी। आपको बता दें कि गरीबी के दलदल से निकलकर द्रौपदी मुर्मू ने अपनी स्नातक की डिग्री ली। कम उम्र में ही द्रौपदी मुर्मू ने अपने पति को खो दिया। इसके बाद उन्होंने अपने दो बेटों को भी खोने का दुःख झेला है। फ़िलहाल उनके परिवार में बेटी, नातीन और दामाद हैं।