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Atiq Ahmed News: योगी सरकार में मिट्टी में मिला माफिया अतीक अहमद, 43 साल में पहली बार मिली सजा
Atiq Ahmed News: 17 साल पुराने मामले में अतीक समेत कुल 11 को आरोपी बनाया गया था। इसमें से एक आरोपी की मौत हो गई है। मंगलवार की सुबह 2007 के इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई शुरू की। कोर्ट रूम के कटघरे में 10 आरोपी खड़े थे। दो बजे के करीब जज दिनेश चंद्र ने अपना फैसला सुनाया।
प्रयागराज/लखनऊ। 43 साल में जो नहीं हो पाया वो छह साल की सुशासन की सरकार में हो गया। माफिया मिट्टी में मिल गया। पहली बार उसे किसी मामले सजा हुई। मुकदमों का शतक लगा चुके माफिया अतीक अहमद की जिंदगी अब सलाखों के पीछे कटेगी। हत्या, अपहरण, दंगा, फिरौती, लूट, डकैती और अवैध जमीन कब्जा सहित कई गंभीर मुकदमों को अपने गले का ‘हार’ बनाकर घूमने वाले अतीक को एमपी-एमएलए कोर्ट ने उमेश पाल अपहरण कांड में सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह सजा उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए नजीर है। 100 मुकदमों का यह आरोपी समाजवादी पार्टी की सरकार में जब खुलेआम घूमता था तो यही लगता था कि ‘कानून की सड़क’ उसकी चौखट तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाती है। लोगों के मन मस्तिष्क में एक बोर्ड लग गया था। ‘पुलिस, कोर्ट, कचरी और न्याय जैसे शब्दों की सीमा समाप्त, यहां से अतीक के आतंक की ‘सीमा’ प्रारंभ होती है’। लोग माफिया को माननीय की ‘पर्यायवाची’ समझने लगे थे। लेकिन योगी सरकार ने माफिया को उसकी सही जगह बताई। पहली बार अतीक के चेहरे पर सरकार और कानून का डर दिखा। देश और प्रदेश की जनता ने यह भी देखा कि अभियोजन और पुलिस का बेहतर समन्वय हो और कोर्ट में प्रभावी पैरवी की जाए तो बड़े से बड़े अपराधी को अपने गुनाहों का हिसाब देना पड़ता है और उसे उसकी सही जगह यानी जेल जाना ही पड़ता है।
17 साल पुराने मामले में अतीक समेत कुल 11 को आरोपी बनाया गया था। इसमें से एक आरोपी की मौत हो गई है। मंगलवार की सुबह 2007 के इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई शुरू की। कोर्ट रूम के कटघरे में 10 आरोपी खड़े थे। दो बजे के करीब जज दिनेश चंद्र ने अपना फैसला सुनाया। उन्होंने अतीक अहमद, दिनेश पासी और खाना शौलत हनीफ को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। साथ ही अतीक के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को दोष मुक्त करार दिया।
#WATCH | UP: A man, Varun stands outside Prayagraj MP-MLA Court, carrying a garland of footwear. He says, “If I make Atiq Ahmed wear a garland of footwear, the Pal community and the entire lawyer community will be happy. He killed a member of the lawyer community, they will be… pic.twitter.com/qFQEEqq39B
— ANI (@ANI) March 28, 2023
एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला सुनते ही अतीक अपने भाई अशरफ से लिपटकर रोने लगा। कानून के सामने अतीक को इस तरह गिड़गिड़ाते देखना उमेश पाल के परिवार को सुकून पहुंचाने वाला तो था ही। साथ ही चार दशक से ज्यादा समय से न्याय की आस में अपनी एड़ियां घिस रहे तमाम उन मासूम परिवारों के चेहरे पर भी मुस्कान लाने वाला था, जिन्होंने अतीक का जुर्म झेला था। एक समय ऐसा था जब सपा सरकार में इस माफिया पर से मुकदमे वापस लिए जाते थे। सार्वजनिक मंचों पर सपा नेता उसके साथ मंच साझा करते थे और अपनी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़वाते थे। अतीक माफिया राजनीति और अपराध के गठजोड़ की मिसाल बन गए था। ये अपराध और अपराधियों के खिलाफ सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस की नीति का परिणाम है कि कानून से ऊपर माने जाने वाले माफिया का अभेद्य किला ध्वस्त हो गया। इससे माफिया और उसके हितैषी बौखलाए और घबराए हुए हैं।
FLASH: After gangster-turned-politician, Atique Ahmed arrived inside the Prayagraj MP/MLA court, the advocates raised slogans against him and demanded capital punishment.
reports @dharmendra_lmp pic.twitter.com/vO1vbUvCwi
— The New Indian (@TheNewIndian_in) March 28, 2023
इस मामले में मिली सजा
अतीक और उसके दो सहयोगियों को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह उमेश पाल के अपहरण के मामले में सजा मिली। गवाही बदलवाने के लिए 17 साल पहले 28 फरवरी 2006 को अतीक और उसके गुर्गों ने उमेश पाल का अपहरण कर लिया था। उन्हें अपने दफ्तर ले जाकर टार्चर किया और फिर जबरदस्ती हलफनामा दिलवाकर गवाही बदलवा दी। अतीक के चंगुल से मुक्त होकर उमेश पुलिस के पास गए और मुकदमा दर्ज करवाया। आज कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अतीक समेत बाकी दोनों आरोपियों को धारा-364ए/34, धारा-120बी, 147, 323/149, 341,342,504, 506 के सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसी के साथ उमेश के साथ अतीक के गुनाहों का पहला इंसाफ हो गया है।