newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

किसान आंदोलन के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध हुआ तेज, महापंचायत में उठी रास्ता खोले जाने की मांग

Mahapanchayat: गाजीपुर, टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान कृषि कानून के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहें हैं। गाजीपुर बॉर्डर (यूपी गेट) पर किसानों ने नेशनल हाइवे बंद कर रखा है।

नई दिल्ली। केंद्र द्वारा पारित नए तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन को करीब 200 दिन से अधिक हो गए। ऐसे में अब इस आंदोलन को लेकर विरोध शुरू हो गया है। बता दें कि दिल्ली से सटे सिंघु बॉर्डर पर हो रहे किसान आंदोलन को लेकर स्थानीय गांव के लोगों ने इसके खिलाफ रविवार को महापंचायत बुलाई। बता दें कि इस महापंचायत में आज हरियाणा के शेरशाह गांव में 36 बिरादरी शामिल हुई। ये महापंचायत किसानों के आंदोलन के विरोध में हो रही है। महापंचायत में शामिल हुए लोगों का कहना है कि, किसान आंदोलन से अब उनके रोजमर्रा के जीवन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि, दिल्ली के 12 गांव और हरियाणा के 15 गांव के लोग इस पंचायत में शामिल हुए। बता दें कि शेरशाह गांव सिंघु बॉर्डर से सटा हरियाणा का गांव है। दरअसल पिछले कुछ दिनों में किसान आंदोलन से जुड़े कई आपराधिक वारदात की खबरें सामने आई, जिससे अब स्थानीय लोग विरोध करने पर मुखर हुए हैं।

singhu border

महापंचायत में हिंसक घटनाओं के विरोध के साथ-साथ बॉर्डर पर बंद पड़े रास्ते को एक तरफ खुलवाने की भी मांग की जा रही है। बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ इस सीमा पर पिछले करीब सात महीने से किसानों का धरना प्रदर्शन चल रहा है, इस दौरान टिकरी बॉर्डर पर एक शख्स को ज़िंदा जलाने और एक लड़की के साथ रेप का आरोप लगा है।

आपको बता दें कि इससे पहले भी सिंघु बॉर्डर से सटे गांव वाले स्थानीय प्रशासन तथा आंदोलनकारी गांव वालों से रास्ते को खोलने की मांग कर चुके हैं। ऐसे में बुलाई गई महापंचायत में गांव वालों ने सान आंदोलन की वजह से पैदा हुई कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी चर्चा की। फिलहाल गांव वालों ने अपनी तरफ से साफ कर दिया है कि अगर आने वाले 10 दिनों के अंदर रास्ता नहीं खोला गया तो एक और बड़ी महापंचायत होगी और उसमें आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा।

वहीं किसानों का कहना है कि, वो अपनी मर्जी से वहां सड़क जाम नहीं किए बैठे हैं। सरकार उनकी मांग मान ले, वो तुरंत रास्ते से हट जाएंगे। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि, उन्हें किसान आंदोलन से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि पिछले 7 महीने से अधिक समय से मुख्य सड़कें और हाइवे बंद होने के कारण आम नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिस गूगल मैप के जरिए एक आम इंसान अपना सफर पूरा करने की कोशिश करता था वह गूगल मैप भी अब उन सड़कों को दिखाता है जो कभी सड़कें थी ही नहीं। गाजीपुर, टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान कृषि कानून के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहें हैं। गाजीपुर बॉर्डर (यूपी गेट) पर किसानों ने नेशनल हाइवे बंद कर रखा है।

Singhu border Suicide

बता दें कि गाजियाबाद, मेरठ की ओर से आने वाली गाड़िया यूपी गेट पर पहुंचने के बाद घण्टों इधर से उधर घूमती रहती हैं। यदि आप किसान है और उनके आंदोलन को समर्थन दे रहें हैं तो आपके लिए रास्ते खोल दिये जातें हैं। लेकिन एक आम इंसान को दिल्ली की सीमा को छूने के लिए घण्टों बर्बाद करने पड़ते हैं। लेकिन फिलहाल किसानों को अपनी समस्या के आगे किसी और कि समस्या नजर नहीं आ रही है। 7 महीने में किसानों ने अपने टैंट को और मजबूत कर लिए है। भले ही किसानों की संख्या बीच मे कम हुई हो लेकिन एक बार फिर किसान दिल्ली की सीमाओं की ओर कूच करने लगे है।