
मुंबई। महाराष्ट्र में आज बड़ा सियासी घटनाक्रम देखने को मिल सकता है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर आज शिवसेना से अलग हुए एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला सुनाने जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को 10 जनवरी तक इस मामले में फैसला सुनाने के लिए कहा था। इस बीच, उद्धव ठाकरे गुट ने राहुल नार्वेकर और सीएम एकनाथ शिंदे की मुलाकात पर सवाल उठाया है। उद्धव गुट का कहना है कि अयोग्यता पर फैसला सुनाने से पहले विधानसभा अध्यक्ष को शिंदे से मुलाकात नहीं करनी चाहिए थी और इससे लगता है कि फैसला उनके ही पक्ष में जाएगा। उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में इस मुलाकात का मसला उठाया है।
विधानसभा अध्यक्ष यानी स्पीकर राहुल नार्वेकर ने पिछले साल मई में शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता के मसले पर सुनवाई शुरू की थी। इससे पहले जून 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के विधायकों ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी। जिससे उद्धव की सरकार गिर गई थी। महाविकास अघाड़ी की सरकार गिरने के बाद एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली। इसके बाद उद्धव और शिंदे गुट ने एक-दूसरे के खिलाफ दलबदल विरोधी कानून और व्हिप न मानने वगैरा के तहत कार्रवाई की मांग करते हुए स्पीकर को याचिका दी थी। ये मसला सुप्रीम कोर्ट में गया था और वहां चुनाव आयोग ने बताया कि एकनाथ शिंदे गुट को उसने असली शिवसेना मानते हुए तीर-धनुष का चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया है। वहीं, उद्धव गुट को शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नाम के साथ मशाल चुनाव चिन्ह दिया गया।
मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर से कहा कि वो 31 दिसंबर तक शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला सुना दें। इसके बाद कोर्ट ने स्पीकर की अर्जी पर 10 जनवरी तक फैसला सुनाने का वक्त दिया। स्पीकर के पास इसके अलावा एनसीपी के दो धड़ों का मसला भी है। एनसीपी में जुलाई 2023 में विभाजन हुआ था और चाचा शरद पवार से बगावत कर अजित पवार ने गुट बना लिया और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बन गए। शिंदे गुट के बारे में आज स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले से महाराष्ट्र और देश की सियासत में काफी उबाल आने के आसार दिख रहे हैं। उद्धव गुट ने साफ कर दिया है कि अगर शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया जाता है, तो वो इस मसले को फिर सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएगा।