
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि चार सप्ताह के अंदर स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना जारी की जाए। अदालत ने यह भी कहा कि चार महीने में चुनाव की प्रक्रिया भी संपन्न कराई जाए। ओबीसी आरक्षण के संबंध में उठे कई मुद्दों के लंबित रहने के कारण राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर पेंच फंसा हुआ था। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा जैसा 2022 की बनठिया आयोग की रिपोर्ट से पहले था वैसा ही बना रहेगा।
वहीं ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि देश में ओबीसी आरक्षण ट्रेन के उस डिब्बे की तरह हो गया है जिसमें जो एक बार घुस जाता है तो वो किसी दूसरे में उसमें आने देना नहीं चाहता। इससे पहले 22 अगस्त 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग और महाराष्ट्र सरकार को स्थानीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था। दिसंबर 2021 में भी शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि राज्य के स्थानीय निकाय के चुनाव में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी जब तक सरकार सुप्रीम कोर्ट के 2010 के आदेश में निर्धारित ट्रिपल टेस्ट को पूरा नहीं करती।
#WATCH मुंबई:शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, ” सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है कि 4 महीने में स्थानीय निकाय चुनाव
संपन्न किया जाए….हमारी तैयारी है और हम सभी परिस्थितियों का सामना कर इस चुनाव में लड़ेंगे।” pic.twitter.com/knGWSVtvbm— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 6, 2025
वहीं उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है कि 4 महीने में स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न किया जाए। हम तो पहले से ही कह रहे हैं कि निकाय चुनाव होने चाहिए। हालांकि 4 महीने के बीच महाराष्ट्र में बारिश और त्योहार का माहौल रहेगा मगर हमारी तैयारी है और हम सभी परिस्थितियों का सामना कर चुनाव लड़ेंगे।