पुणे। महाराष्ट्र में एक अफसर को 2 बच्चों के नियम का उल्लंघन करने पर नौकरी से बर्खास्त करने की खबर है। जानकारी के मुताबिक पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम के असिस्टेंट कमिश्नर श्रीनिवास डांगट के खिलाफ ये कार्रवाई हुई है। श्रीनिवास डांगट को सेवा से बर्खास्त किए जाने का मामला उनके रिटायरमेंट से एक महीने पहले हुआ है। उन पर तीसरे बच्चे की जानकारी छिपाने का आरोप लगा था। वहीं, बर्खास्त होने वाले अफसर श्रीनिवास डांगट ने कहा है कि साल 2011 में ही उन्होंने नगर निगम को अपने तीसरे बच्चे की जानकारी दे दी थी। उनका ये भी कहना है कि सरकारी सेवा के लिए 2 बच्चों का नियम 2006 में लागू हुआ। जबकि, उनके 2 बच्चे 2005 से पहले जन्मे हैं।
श्रीनिवास डांगट ने कहा है कि 2021 में जांच समिति को उन्होंने अपने पक्ष में सबूत भी दिए थे। फरवरी में रिटायरमेंट से एक महीने पहले उनको महाराष्ट्र सिविल सेवा नियमावली के तहत बर्खास्त किया गया। श्रीनिवास डांगट ने कहा है कि वो पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम कमिश्नर के पास अपील कर न्याय मांगेंगे। मीडिया की खबरों के मुताबिक पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम के कमिश्नर शेखर सिंह ने श्रीनिवास डांगट को बर्खास्त करने का आदेश 7 जनवरी 2025 को जारी किया। डांगट सामाजिक विकास विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर थे। श्रीनिवास डांगट को सेवा से बर्खास्त करने के आदेश में कहा गया है कि उन्होंने महाराष्ट्र सिविल सेवा (छोटे परिवार की घोषणा) के नियम 2005 के तहत 2 बच्चों के नियम का उल्लंघन किया।
इस मामले में श्रीनिवास डांगट के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी। जिसके बाद पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम ने जांच शुरू की। श्रीनिवास डांगट ने साल 1989 में नगर निगम में क्लर्क के तौर पर नौकरी शुरू की थी। फिर 2013 में महाराष्ट्र सिविल सेवा परीक्षा पास की। श्रीनिवास डांगट को इसके बाद पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम में असिस्टेंट कमिश्नर बनाया गया। डांगट पर आरोप है कि छोटे परिवार की घोषणा संबंधी हलफनामा भी उन्होंने जमा नहीं किया। जिसके बाद उनके खिलाफ जांच शुरू हुई। साल 2006 में महाराष्ट्र सिविल सेवा नियमावली में संशोधन किया गया था। जिसके तहत 2 से ज्यादा बच्चे होने पर नौकरी न देने या सेवा से हटाने का प्रावधान किया गया।