मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष यानी स्पीकर राहुल नार्वेकर आज एकनाथ शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता के मसले पर फैसला सुनाने वाले हैं। फैसले से पहले राहुल नार्वेकर ने सीएम शिंदे से मुलाकात की थी। इसी मुलाकात से उद्धव ठाकरे का शिवसेना-यूबीटी ग्रुप नाराज हो गया है और मसले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने की बात कही है। अब इस पर स्पीकर राहुल नार्वेकर का बयान आया है। नार्वेकर ने कहा है कि सिर्फ दबाव डालने के मकसद से ऐसे आरोप लगाए जाते हैं। राहुल नार्वेकर ने कहा कि पूर्व सीएम होने के नाते उनको (उद्धव) इसकी जानकारी होगी कि स्पीकर आखिर सीएम से किन वजहों से मुलाकात करता है। उन्होंने कहा कि मैं विधायक हूं और विधायक होने के नाते भी कई काम होते हैं। राहुल नार्वेकर ने बताया कि 3 जनवरी को ही वो सीएम एकनाथ शिंदे से मिलने वाले थे, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण मिल नहीं सके।
#WATCH मुंबई: शिवसेना विधायक की अयोग्यता पर आज होने वाले फैसले पर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नारवेकर ने कहा, “अपात्रता की याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है… आज उस पर फैसला सुनाया जाएगा। यह निर्णय कानून में जो प्रावधान है, सर्वोच्च न्यायालय ने जो सिद्धांत स्थापित किए हैं… pic.twitter.com/2Dyf8XI7Os
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 10, 2024
राहुल नार्वेकर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष होने की वजह से उनके और भी कई कर्तव्य हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट जाने का मसला उद्धव गुट का संवैधानिक अधिकार है राहुल नार्वेकर ने कहा कि फैसले के वक्त सही समय पर बात की जाएगी। दरअसल, राहुल नार्वेकर ने रविवार को एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। इसी पर उद्धव ठाकरे गुट ने सवाल खड़े किए थे और आशंका जताई थी कि शिंदे के विधायकों के पक्ष में स्पीकर का फैसला आएगा। उद्धव गुट ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी हलफनामा देकर जानकारी दी है। इसी विवाद पर अब स्पीकर राहुल नार्वेकर ने भी अपनी बात रखी है। इस बीच, उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से शिंदे गुट पर लगातार हमला जारी है। उद्धव ठाकरे के करीबी और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने क्या कहा, वो सुनिए।
#WATCH शिवसेना(UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, “विधानसभा स्पीकर का एक प्रोटोकॉल होता है। अगर विधानसभा स्पीकर एक पीठासीन पद पर बैठे हैं तो अपनी कुर्सी छोड़कर जो आरोपी है जिनपर हमने याचिका दायर की है उनसे जाकर मुलाकात नहीं सकते। फिर वे कहते हैं कि वे फैसला देंगे, यह कौनसा फैसला है यह… pic.twitter.com/0FFcc7eUE3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 10, 2024
एकनाथ शिंदे ने 2022 के जुलाई महीने में अपने साथी विधायकों के साथ उद्धव ठाकरे से बगावत कर दी थी। वो गुवाहाटी चले गए थे। बाद में उद्धव ठाकरे ने विषम हालात को देखकर सीएम पद छोड़ दिया था। उनकी तरफ से 16 विधायकों की अयोग्यता के लिए अर्जी दी गई थी। तमाम कानूनी जंग के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर से 10 जनवरी तक अयोग्यता पर फैसला लेने के लिए कहा था। वहीं, एकनाथ शिंदे को असली शिवसेना का चुनाव आयोग ने मान लिया था और उनको तीर-कमान का चुनाव चिन्ह भी दे दिया। शिंदे ने बीजेपी के सहयोग से महाराष्ट्र में सरकार बना ली और अभी सत्ता में हैं।