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Maharashtra: नहीं बुझ रही नफरत की आग?, नफरती सोच का एक नया शिकार

Maharashtra: ताजा मामला महाराष्ट्र के अहमदनगर का है जहां 23 साल के प्रतीक पवार अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे है। प्रतीक अस्पताल में इसलिए है, क्योंकि उसने नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी और बदले में उस पर जानलेवा हमला कर दिया गया। एक के बाद एक हमले और हत्या लगातार बढ़ती जा रही है।

नई दिल्ली। भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए बयान को लेकर बवाल थमने  का नाम नहीं ले रहा है। मुल्क में धर्म की आड़ मे बार-बार साजिश रची जा रही है। इसके तार अब महाराष्ट्र के अहमदनगर तक पहुंच गए है। सोशल मीडिया पर एक युवक को नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर एक समुदाय के लोगों ने मिलकर उस पर हमला बोल दिया। अब युवक अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। बताया जा रहा है कि उसके शरीर में कई गहरे जख्म है। बता दें कि नूपुर शर्मा के बयान के बाद राजस्थान और महाराष्ट्र में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि कई लोग घायल हुए है।

ताजा मामला महाराष्ट्र के अहमदनगर का है जहां 23 साल के प्रतीक पवार अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे है। प्रतीक अस्पताल में इसलिए है, क्योंकि उसने नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी और बदले में उस पर जानलेवा हमला कर दिया गया। एक के बाद एक हमले और हत्या लगातार बढ़ती जा रही है। आलम ये है कि देश में नफरती सोच बढ़ती जा रही है। सामने वाले की सोच न मिलने पर सर तन से जुदा करने वाली मानसिकता सड़कों पर खुलेआम दिखने लगी है। बताया जा रहा है कि ये वारदात 04 अगस्त की है जब प्रतीक अपने दोस्त के साथ बाइक से घर जा रहा था। इसी दौरान कार सवार कुछ लोगों ने प्रतीक की बाइक ओवरटेक कर लिया। उन लोगों के हाथ तलवार और डंडे थे। फिर उन लोगों और प्रतीक के बीच कहासुनी हो जाती है और नूपुर शर्मा के समर्थन पर कुछ युवकों ने प्रतीक पर हमला कर दिया। हालांकि इस दौरान प्रतीक के दोस्त ने उन लोगों को रोकने की कोशिश की। लेकिन वो नहीं रूके और प्रतीक पर हमलाकर लहूलुहान कर दिया।

पुलिस ने इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मगर बताया जा रहा है कि मामले में कुल 14 लोग शामिल थे। वहीं प्रतीक पर हुए हमले को लेकर अहमदनगर के लोगों में आक्रोश है। रविवार को हिंदू संगठनों ने शहर बंद रखा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। लोगों का गुस्सा इसलिए भी है क्योंकि मुख्य आरोपी शाहरुख का झगड़ा प्रतीक से पहले भी हुआ था और बाद में हमले के लिए बाकयदा साजिश भी रची।

youth attacked in ahmadnagar for supporting nupur

हालांकि अनुमान है कि बाकी आरोपियों को पुलिस धर दबोच लेगी। लेकिन कई ऐसे सवाल है कि जिनमें जवाब पिछले एक महीने में मिलने मुमकिन नहीं हो पा रहे है। लेकिन कौन है जो इस नफरत की आग को भड़का रहे हैं? क्यों ऐसे तत्व काबू में नहीं आ रहे है, इनको कहां से सपोर्ट मिल रहा है? ये हिंसक तत्व इतने बेखौफ क्यों है? पूरा धार्मिक समुदाय ऐसे तत्वों का विरोध क्यों नहीं कर रहा है? क्या हमारा खुफिया  सिस्टम ऐसे लोगों की खोज खबर रखने में नाकाम है?