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Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, निकाय चुनाव को लेकर दिया ये आदेश

Maharashtra: आपको बता दें चले कि सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को लेकर रोक लगा दी थी और इसके साथ ही महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि अंतिम रिपोर्ट आकड़ो के अध्ययन और रिसर्च के बिना तैयार की गई थी।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में अभी लाउडस्पीकर का मुद्दा अभी थमने का नाम नहीं ले रहा और उपर से राज्य सरकार पर आफतों का एक और बोझ सुप्रीम कोर्ट के द्वारा लगा दिया गया है। महाराष्ट्र सरकार स्थानीय निकाय चुनाव को टालना चाह रही थी लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट ने कड़े शब्दों में राज्य सरकार को दो हफ्तों के अंदर चुनाव कराने के आदेश दे दिए हैं। लगातार चर्चा में रहने वाली महाराष्ट्र सरकार को इस बार सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, इस बार का मामला स्थानीय निकाय के चुनावों को लेकर है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की उद्ध्व सरकार को BMC और दूसरे निकायों में लंबित पड़े चुनाव की तारीख को दो हफ्तों में घोषित करने के आदेश दिए हैं।

Supreme Court

गौरतलब है कि राज्य की सरकार ने ओबीसी आरक्षण के को मंजूरी मिलने के बाद ही स्थानीय निकाय चुनाव कराने की बात कही थी लेकिन अब कोर्ट ने कहा है कि इस आदेश की संवैधानिकता पर बाद में सुनवाई होगी। महाराष्ट्र में जिन नगर निगमों में चुनाव होना है वो इस प्रकार है- पुणे, नासिक, मुंबई, ठाणे नवी मुंबई, नागपुर, सोलापुर और कोल्हापुर शामिल हैं। महाराष्ट्र में चुनाव 20 नगर निगम, 25 जिला परिषद, 285 पंचायत समितियों, 210 नगर निगम और 2000 ग्राम पंचायतों में चुनाव होना है।

आपको बता दें चले कि सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को लेकर रोक लगा दी थी और इसके साथ ही महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि अंतिम रिपोर्ट आकड़ो के अध्ययन और रिसर्च के बिना तैयार की गई थी। बता दें चले कि महाराष्ट्र में आजकल कई मुद्दों से सूबे की राजनीति गरमाई हुई है। आज ही अमरावती से निर्दलीय सांसद राज्य के मुख्यमंत्री के घर के आगे हनुमान चालीस पढ़ने के बाद गिरफ्तार हुई थी और आज सुप्रीम कोर्ट ने उनको बेल दे दी है।