नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में दरभंगा ज़िले की जाले सीट से कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़े 26 साल के मशकूर उस्मानी को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के पूर्व छात्र नेता, मई 2018 में विश्वविद्यालय परिसर में मोहम्मद अली जिन्ना की एक तस्वीर को लेकर सुर्खियों में आए थे। इसके बाद से ही भारतीय जनता पार्टी मशकूर को ‘जिन्ना समर्थक’ कहती है। इस चुनाव में उनका सामना सिटिंग बीजेपी विधायक जिबेश कुमार से था। मशकूर जिबेश से 21,796 वोटों से हार गए हैं। इस सीट पर निर्णायक फैसला घोषित हो चुका है। जहां जिबेश कुमार को 87,321 वोट मिले वहीं उस्मानी को 65,395 वोट मिले। मशकूर को कांग्रेस द्वारा टिकट देने के बाद बीजेपी पूरी तरह से कांग्रेस पर हमलावर नजर आई। कांग्रेस पर प्रहार करते हुए भाजपा के फायर ब्रांड नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस और महागठबंधन के नेताओं को देश को जवाब देना होगा कि क्या जाले का उम्मीदवार जिन्ना का समर्थन करता है।
उन्होने कहा था कि, कांग्रेस और महागठबंधन को लोगों को जवाब देना होगा कि क्या वो भी जिन्ना का समर्थन करते हैं? क्या शरजील इमाम उनके स्टार प्रचारक होंगे?’ बता दें कि पार्टी को इसके लिए अंदर से विरोध का भी सामना करना पड़ा, जब पूर्व केंद्रीय मंत्री एलएन मिश्रा के बेटे ऋषि मिश्रा ने- जो टिकट न दिए जाने से नाराज़ थे- एक ‘राष्ट्र-विरोधी और जिन्ना उपासक’ को टिकट देने पर सवाल खड़े कर दिए थे।
वहीं मशकूर को टिकट देने के बाद बीजेपी नेता प्रेम रंजन पटेल ने कांग्रेस पर जुबानी हमला करते हुए कहा था कि कंग्रेस को कभी देश की एकता और अखंडता से मतलब नहीं। जिसने देश को विभाजन करने का काम किया उसका समर्थन करने वाले को टिकट दिया गया है। फिलहाल कांग्रेस ने मुस्लिम वोटों के लिए जिस तरीके से ये कदम उठाया था, वो काम ना आ सका और उसे दरभंगा ज़िले की जाले सीट से हार का सामना करना पड़ा है।