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Malegaon blast case: ‘योगी आदित्यनाथ का नाम लेने के लिए गवाह को थी यातनाएं’, 2008 मालेगांव बम ब्लास्ट केस में हुआ खुलासा

Malegaon blast case: इस गवाह ने खुलासा किया है कि ATS ने उसे 7 दिनों तक दफ्तर में बंद करके रखा। ATS ने उसके परिवार के सदस्यों को भी प्रताड़ित किया। इस गवाह ने NIA कोर्ट को बताया कि अगर उसने योगी और RSS के लोगों का नाम नहीं लिया तो ATS ने उसे इस मामले में फंसाने की धमकी भी दी।

नई दिल्ली। 2008 मालेगांव बम ब्लास्ट मामले की सुनवाई के दौरान गवाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी (CM Yogi Adityanath) पर चौंकाने वाला खुलासा किया है। गवाह ने विशेष एनआईए अदालत को बताया है कि महाराष्ट्र ATS ने योगी आदित्यनाथ का नाम लेने के लिए उसे टॉर्चर किया था। गवाह ने खुलासा किया है कि उसे लगातार यातनाएं देकर योगी आदित्यनाथ को फंसाने के लिए मजबूर किया गया। गवाह ने NIA कोर्ट को बताया कि योगी के अलावा RSS के इंद्रेश कुमार, काकाजी जैसे 4 लोगों के नाम लेने के लिए भी उसे लगातार प्रताड़ित किया गया।

इस गवाह ने खुलासा किया है कि ATS ने उसे 7 दिनों तक दफ्तर में बंद करके रखा। ATS ने उसके परिवार के सदस्यों को भी प्रताड़ित किया। इस गवाह ने NIA कोर्ट को बताया कि अगर उसने योगी और RSS के लोगों का नाम नहीं लिया तो ATS ने उसे इस मामले में फंसाने की धमकी भी दी।

UP CM YOGI

मालेगांव बम धमाके को लेकर महाराष्ट्र ATS सवालों के घेरे में है। धमाके के गवाह ATS को दिए अपने बयान से लगातार मुकरते जा रहे हैं। बयान से मुकरने वाला अब तक ये 15वां गवाह है। मालेगांव बम धमाके मामले की सुनवाई में, अब तक 220 लोगों की गवाही हो चुकी है। मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद में बम विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे।