
नई दिल्ली। मल्लिकार्जुन खड़गे आज से कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने वाले हैं। इस मौके पर सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका के अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे। पिछले दिनों हुए चुनाव में खड़गे ने शशि थरूर को बड़े वोटों के अंतर से हराया था, लेकिन अब उनको बड़ी चुनौतियों का सामना कर कांग्रेस को उसमें सफल बनाना होगा। खड़गे के लिए तुरंत बड़ी चुनौती के तौर पर हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनाव हैं। दोनों जगह कांग्रेस की सरकारें नहीं हैं। गुजरात में तो कांग्रेस को बीजेपी ने लंबे समय से सत्ता से बाहर कर रखा है।
हिमाचल और गुजरात के चुनाव नतीजे आने के बाद खड़गे के लिए बड़ी चुनौती राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव भी होंगे। अगले साल इन राज्यों में चुनाव हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पिछली बार कांग्रेस ने चुनाव जीतकर सत्ता संभाली थी। ऐसे में खड़गे को ऐसी रणनीति बनानी होगी, जिससे कम से कम ये दोनों राज्य कांग्रेस के हाथ से न जाएं। अगर इसमें वो विफल रहते हैं, तो उनको चुने जाने पर तमाम सवाल उठ सकते हैं। इसके बाद 2024 की चुनौती भी खड़गे के सामने है। फिलहाल पीएम नरेंद्र मोदी की जनता के बीच छवि बहुत ताकतवर नेता की है। वहीं, कांग्रेस राहुल गांधी को पीएम पद के लिए प्रोजेक्ट करती रही है। मोदी के खिलाफ राहुल को किस तरह खड़गे पीएम पद के लिए मुकाबले में मजबूत बनाएंगे, इस पर भी सबकी नजर है।
खड़गे के सामने बड़ी चुनौतियां कांग्रेस संगठन और नेता भी हैं। संगठन बिखरा हुआ है। कार्यकर्ता कम हैं। नेताओं में आपसी गुटबाजी आए दिन सामने आती है। राजस्थान, हरियाणा और छत्तीसगढ़ के उदाहरण सबके सामने हैं। ऐसे में इन चुनौतियों से पार पाए बिना कांग्रेस को दोबारा पैरों पर खड़ा करना असंभव भले न हो, लेकिन विकट मुश्किलों से भरा जरूर है। खड़गे इन सभी चुनौतियों का सामना किस तरह करते हैं, ये इस साल दिसंबर से ही दिखना शुरू हो जाएगा।