नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के करीबी विनय मिश्रा को लेकर जो खुलासा हुआ है उसने ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कोयला घोटाले में वांछित विनय मिश्रा के देश छोड़ने की खबर आ रही है। लेकिन इससे भी बड़ी बात जो सामने आ रही है वह यह है कि विनय मिश्रा ने 2018 में ही भारत की नागरिकता त्याग कर प्रशांत महासागर के एक द्वीप की नागरिकता स्वीकार कर ली थी। लेकिन 2020 में विनय मिश्रा को टीएमसी की यूथ विंग का जेनरल सेकरेट्री बना दिया गया था। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या किसी विदेशी नागरिक को टीएमसी अपनी पार्टी में अधिकारी के पद पर नियुक्त कर सकती है क्या?
इस पूरे मामले को लेकर दस्तावेजों सहित एक ट्वीट भाजपा के अमित मालवीय ने किया और लिखा कि कोयला घोटाले में वांछित ममता बनर्जी के भतीजे के करीबी विनय मिश्रा ने 2018 में अपनी भारतीय नागरिकता त्याग दी थी। वानुअतु की नागरिकता स्वीकार की। उन्हें 2020 में टीएमसी की यूथ विंग का जीएस नियुक्त किया गया था। क्या कोई विदेशी टीएमसी का पदाधिकारी हो सकता है?
Vinay Mishra, close confidante of Mamata Banerjee’s nephew, wanted in the coal scam, renounced his Indian citizenship in 2018. Accepted citizenship of Vanuatu.
He was appointed GS of TMC’s Youth wing in 2020.
Can a foreigner be an office bearer of TMC asks WB LoP @SuvenduWB… pic.twitter.com/bwIqQUpBah
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 11, 2021
विनय मिश्रा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान तब सुर्खियों में आए थे जब उनपर मवेशी और कोयला तस्करी को लेकर सीबीआई जांच शुरू हुई थी। अब सीबीआई की तरफ से इस बात का खुलासा किया गया कि आरोपित टीएमसी नेता विनय मिश्रा ने प्रशांत महासागर के एक द्वीप वानुअतु की नागरिकता हासिल कर ली है।
6 महीने पहले से ही विनय मिश्रा मवेशी और कोयला तस्करी के लगे आरोप के बाद से फरार है। ऐसे में सीबीआई ने उशके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया था। मई के अंत में इंटरपोल ने सीबीआई के इस आवेदन को स्वीकार कर लिया था और विनय मिश्रा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। वहीं इस पूरे मामले को लेकर जो जानकारी निकलकर सामने आ रही है उसके मुताबिक कोलकाता से भागने के बाद विनय मिश्रा ने पिछले साल 22 दिसंबर को दुबई में भारतीय दूतावास को अपना भारतीय पासपोर्ट सौंप दिया था। साथ ही दूतावास को इस बात की सूचना भी दी थी कि वह भारत की नागरिकता त्याग कर प्रशांत महासागर में एक द्वीप वानुअतु की नागरिकता स्वीकार कर ली है।